निर्माण तो दूर प्रक्रिया तक नहीं हुई प्रारंभ
मुलताई- ताप्ती एवं शनि सरोवर के मध्य स्थित जल निकासी द्वार स्लुस गेट की समस्या का स्थाई समाधान इस वर्ष भी नहीं हो सकेगा क्योंकि इस वर्ष भी स्लुस गेट निर्माण को लेकर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है।
अब वर्षा काल आने को है जानकारों का मानना है कि इतने कम समय में राशि की स्वीकृति टेंडर प्रक्रिया का पूरा होना संभव नहीं है। महत्वपूर्ण तथ्य है कि नगर की जनता बीते 15 वर्षों से शनि सरोवर एवं ताप्ती सरोवर के मध्य स्लुस गेट निर्माण की मांग करते आ रही है। अनेकों बार नगर परिषद प्रस्ताव ले चुकी है किंतु उसके बावजूद भी सरोवर गेट निर्माण आज भी नगर प्रशासन की प्राथमिकता में शामिल नहीं है।
खराब हुआ स्लुस गेट, जर्जर हुई पलिया-
इधर दूसरी ओर स्लुस गेट पूरी तरीके से खराब हो चुका है इसका नए सिरे से निर्माण करना होगा।गजानन मंदिर के समक्ष ताप्ती सरोवर पर स्थित जल निकासी मार्ग स्लुस गेट अत्यंत जर्जर अवस्था में पहुंच गया है जिससे ताप्ती का जल स्तर बढ़ने के बाद निरंतर पानी का रिसाव होते रहता है। जलमार्ग के अंदर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई है जहां पानी ने अपना रास्ता बना लिया है। सबसे बड़ा संकट गेट के ऊपर बनी पुलिया का है जो की नीचे से जर्जर हो गई है। प्लास्टर पूरा झड़ चुका है और लोहा जंग खाकर खराब हो गया है। ऐसी स्थिति में अगर वर्षा काल में यह पुलिया क्षतिग्रस्त हो जाती है या ढ़ह जाती है तो गंभीर हादसा हो सकता है।
ताप्ती से जुड़े कार्य प्राथमिकता में शामिल क्यों नहीं-
बीते 4 महीने में मुलताई नगर की अनेक योजना को स्वीकृति मिली है। कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) 2.0 योजना वाटर सप्लाई जल प्रदाय के लिए 7 करोड़ 18 लाख रुपए, सूर्य नारायण सरोवर जीर्णोद्वार के लिए 91 लाख रुपए ,सूर्य नारायण सरोवर के पास पार्क एवं सौंदरीकरण के लिए 39 लाख रुपए । जानकारों का मानना है अगर नगर पालिका के लिए ताप्ती से जुड़े कार्य प्राथमिकता में शामिल होते तो इस योजना में घाट निर्माण और स्लुश गेट निर्माण को भी जोड़ा जा सकता था।
इनका कहना–
मैने ताप्ती स्लुस गेट निर्माण का 16 लाख रुपए का एस्टीमेट और डिजाइन बनाकर दिया था किंतु यह विभागीय रूप से नहीं था मां ताप्ती से जुड़ा मामला होने के कारण व्यक्तिगत रूप से नगर पालिका की मदद की थी।
सीएल मरकाम एसडीओ जल संसाधन विभाग मुलताई
जल संसाधन विभाग डब्ल्यु आर डी से 25 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाया गया है ।जिसकी प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति होना शेष है।
योगेश अनेराव,उपयत्री नगर पालिका मुलताई