हरदौली जलावर्धन योजना बनी बंटाधार योजना,कहां है 57 किलोमीटर पाइपलाइन,10 वर्ष मे 25 करोड़ खर्च नतीजा सिफर

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मुलताई – नगर के पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए बनाई गई हरदोली जल आवर्धन योजना 10 वर्षों में लगभग 25 करोड रुपए खर्च होने के बावजूद बंटाधार योजना बनकर रह गई है।

आज भी नगर की पेयजल समस्या यथावत है और नगर में 2 दिन के अंतराल में चौथे दिन नगर में पेयजल आपूर्ति हो रही है। हरदौली जल आवर्धन योजना में दो घटक थे पहला हरदौली बाधं और दूसरा पीएचई घटक बांध का कार्य पूर्ण हो गया है और बांध की जल संग्रह क्षमता 4.17 एमसीएम है यह क्षमता इतनी  है कि अगर नगर में प्रतिदिन तीन बार पानी वितरण दीया जाय तो भी पूरे वर्ष में 2 एमसीएम पानी भी खर्च नहीं होगा। किंतु पर्याप्त पानी उपलब्धता के बावजूद  पीएचई  घटक में हुई बंदर बाट के चलते यह योजना अब भी अधर में लटकी हुई है ।

वर्तमान समय में  जिस पाइपलाइन का नगर पालिका ने ठेकेदार को भुगतान किया है वह पाइपलाइन कहां है खोजना बड़ी चुनौती है। और ऐसा सिर्फ मुलताई नगर में ही हो सकता है। हमने जब उप यंत्री योगेश अनेराव से पूछा कि वर्तमान ठेकेदार द्वारा कितने किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई गई है तो उन्होंने ठेकेदार का काम देख रहे  मानव से पूछ कर बताया कि अब तक उन्होंने 32 किलोमीटर पाइपलाइन डाल दिए और पूर्व ठेकेदार लोखंडे 25 किलोमीटर लगभग पाइप लाइन बिछाने का दावा किया था।

अगर यह दोनों आंकड़े सही है तो नगर में 57 किलोमीटर पाइपलाइन कहां है इसकी जानकारी नगर पालिका को भी नहीं है। नगर पालिका के कर्मचारी बताते हैं कि वर्तमान ठेकेदार ने मात्र 12 किलोमीटर पाइपलाइन डाली है तो बड़ा प्रश्न यह है कि क्या अब तक पाइपलाइन का बगैर टेस्टिंग बगैर भौतिक सत्यापन के ठेकेदार को भुगतान होता रहा है यह जांच का विषय है। कहीं ऐसा तो नहीं की पुराने ठेकेदार का भुगतान भी वर्तमान ठेकेदार को कर दिया है । कुछ भी संभव है क्योंकि इस योजना की देखरेख करने वाले उपयंत्री बैतूल में रहते हैं और वह ठेकेदार के बताएं अनुसार मुलताई में मेजरमेंट बुक (एमबी) लिखने ही आते हैं तो ऐसे में योजना की गुणवत्ता खोजना और भी जटिल कार्य है।

लगभग 10 करोड़ की लागत का पीएचई घटक दूसरी बार लगभग 4 करोड़ 75 लाख का टेंडर योजना को पूरा करने के लिए हुआ था जिसमें से अब तक इस ठेकेदार को भी लगभग चार करोड रुपए का भुगतान किया जा चुका है। अब राशि खत्म होने को है और नतीजा यह की जो योजना 52 वर्ष की जनसंख्या वृद्धि के आधार पर बनाई गई थी आज वर्तमान जनसंख्या को भी पानी पिलाने के में सक्षम नहीं है। अधिकारियों ने इसे पूरा करने के लिए 2.0 योजना के तहत 7 करोड़ की सप्लीमेंट्री योजना बनाई हैं उनका कहना है कि आगामी योजना के बाद हरदोली  योजना का लाभ घर-घर पहुंचेगा।

चुनाव के बाद पाइपलाइन के भौतिक सत्यापन एवं जांच के लिए ई को पत्र लिखेंगे।
आर.के.इवनाती
मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुलताई


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