मुलताई- पवित्र नगरी के सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौंप कर भारत सरकार से मांग की है कि गुरु नानक साहब के जन्म स्थान ननकाणा साहब को भारत में मिलाया जाए।
सौपे गए इस पत्र में कहां गया है कि तीनो सेनाओ ने मिलकर “आपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया ये आपरेशन पाकिस्तान और उसके आतंकी मंसूबो को करारा जवाब है। पत्र में कहा कि विभाजन 1947 की ढुलमुल नीति के कारण पंजाब के विभाजन में ननकाणा साहिब जी जो कि भारत से लगभग 10 किलोमीटर दूर है
पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया। जगत गुरू गुरू नानक साहिब जी का जन्म स्थान ननकाणा साहिब जी है जो कि पवित्र स्थान है जहाँ गरूद्वारा साहिब सुशोभित है। ननकाणा साहिब जी ना केवल सिख समुदाय बल्कि पुरे विश्व में फैले गुरू नानक नाम लेवा श्रद्धालुओ के लिये पवित्र पूजनीय स्थान है जैसे हिन्दू धर्म के लिये श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या, मुस्लिम धर्म के लिये मक्का मदीना पवित्र है

वैसे ही सिख धर्म एवं गुरू नानक नाम लेवा श्रद्धालुओ के लिये गुरू नानक साहिब जी कि जन्म भूमि ननकाणा साहिब जी पवित्र है। सिख एवं गुरू नानक नाम लेवा अनुयायी प्रतिदिन अपनी अरदास (प्रार्थना) मे ईश्वर से कहते है इसलिए हम मांग करते हैं

कि जगत गुरू नानक साहिब जी की जन्म भूमि ननकाणा साहिब जी को भारत भारत में शामिल किया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में अधिवक्ता डॉक्टर हरप्रीत कौर खुराना, अधिवक्ता – प्रमोद कोसे, एस आर कनेरे, नरेंद्र बेले, करण साहू दीपक उघड़े आदि शामिल है।