क्या  सूर्यनारायण सरोवर में हो सकेगा जल संग्रह,91 लाख की लागत से नापा ने प्रारंभ किया सुधार कार्य,

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सूर्य नारायण सरोवर का निर्माण 20 वर्ष पूर्व ताप्ती सरोवर खुदाईयों गहरीकरण से निकाली गई मुरम एवं मिट्टी से किया गया था। माना जा रहा था कि सूर्य नारायण सरोवर निर्माण के बाद जल संग्रह होगा जिसका लाभ नगर के जल स्रोत  और आसपास की आबादी को मिलेगा किंतु 20 वर्षों में नगर पालिका अनेक बार योजना बनाकर लाखों रुपए सूर्य नारायण सरोवर के सुधार पर खर्च कर चुकी है किंतु नतीजा जीरो रहा अब तक सूर्यनारायण सरोवर में पानी खोजना एक दिव्य स्वप्न बनकर रह गया है।  नगर पालिका हर बार सुधार कार्य की योजना का क्रियान्वयन करते समय नगर की जनता को यह विश्वास दिलाती  है कि इस बार सूर्यनारायण सरोवर में जल संग्रहण होगा किंतु अनेकों बार लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी इस सरोवर में जल संग्रहण नहीं हो सका है। इस बार अमृत 2.0 के माध्यम से एक बार फिर नगर पालिका 91 लाख रुपए सूर्यनारायण सरोवर के सुधार पर खर्च करने जा रही है और हर बार की तरह इस बार भी दावा है कि सूर्य नारायण सरोवर में जल संग्रहण हो सकेगा हमने तकनीकी अधिकारियों से इस संबंध मे जानने का प्रयास किया की अगर जल संग्रहण होगा तो कैसे।

20 वर्ष पूर्व जब ताप्ती सरोवर से निकल गई मुरम मिट्टी डालकर सूर्यनारायण सरोवर का निर्माण किया जा रहा था तब तकनीकी मापदंडों का पालन नहीं किया गया । पानी को रोकने के लिए ना ही काली मिट्टी से पटल भरी गई ना ही फिल्टर बनाए गए और नाहीं पिचिंग की गई। इसके बाद में भी लगभग आधा दर्जन बार इसके सुधार पर पैसा खर्च हुआ जन भागीदारी की राशि भी लगाई गई किंतु कोई नतीजा नहीं निकला, एक बार फिर नगर पालिका एक करोड रुपए लगभग खर्च करने जा रही है तो नगर वासियों का यह प्रश्न वाजिब है कि क्या इस बार सूर्य नारायण सरोवर में जल संग्रहण होगा..?

सूर्य नारायण सरोवर में जल संग्रहण कैसे होगा इस संबंध में हमने जल संसाधन विभाग के सीनियर एसडीओ सीएल मरकाम जिन्होंने नगर पालिका के हरदौली बांध का भी तकनीकी मार्गदर्शन किया है से चर्चा की उन्होंने बताया कि सूर्य नारायण सरोवर में जल संग्रहण करने के लिए आवश्यक है कि बांध निर्माण के सभी नियमों का पालन किया जाए हार्डिंग, केसिंग, फिल्टर,  बोल्डर टोह,पिचिंग, हाइड्रो, वेस्ट वेयर का निर्माण तकनीकी अधिकारियों के मार्गदर्शन में हो विशेष तौर से सीओटी मे प्रॉपर काली मिट्टी का उपयोग हो और फिल्टर का निर्माण किया जाए। कुल मिलाकर के बांध निर्माण के सभी फार्मूले का उपयोग होगा तभी यहां जल संग्रहण हो सकेगा।

बांध निर्माण में दक्ष तकनीकी अधिकारियों के मार्गदर्शन मे सूर्य नारायण सरोवर का निर्माण होगा। सभी तकनीकी फार्मूले अपनाए जाएंगे और हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि इस बार सूर्यनारायण सरोवर में जल संग्रह हो सकेगा।

सुभाष शर्मा
उपयंत्री नगर पालिका मुलताई

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