राम ने की सुग्रीव से मित्रता हुआ  बाली वध,

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राम सीता की खोज में निकले राम लक्ष्मण को हनुमान जी ने सुग्रीव से मिलाया जहां भगवान राम ने सुग्रीव की व्यथा सुनी की किस प्रकार बाली ने उन्हें अपने राज्य से बेदखल कर दिया है और वह अपने प्राणों को बचाने के लिए इस पर्वत पर शरण लिए हुए हैं। गांधी चौक में आयोजित रामलीला में सुग्रीव और राम की मित्रता का सुंदर चित्रण किया गया ।भगवान राम ने सुग्रीव को अपना राज्य वापस दिलाने का आश्वासन दिया।

इसके उपरांत बाली वध की लीला प्रस्तुत की गई जिसमें मरणासन्न अवस्था में पहुंचे बाली और राम संवाद को दर्शकों ने खूब सराहा सुग्रीव की भूमिका नमन अग्रवाल ने निभाई इससे पूर्व सुग्रीव का पाठ उनके पिता स्वर्गीय नवल अग्रवाल निभाते थे इस रामलीला की एक विशेषता यह भी है कि इस रामलीला में सभी पाठ स्थानीय लोग निभाते हैं और अनेक परिवार पीडियो से इस रामलीला में अपनी भागीदारी निभाते आ रहे हैं ।बाली का पाठ अमित शर्मा ने किया वही बजरंगबली की भूमिका पूरानतक शर्मा निभा रहे हैं।

120 वर्षों से नगर में हो रही रामलीला का अपना धार्मिक पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व रहा है और यह रामलीला की अनेक विशेषताएं हैं जो इसे अन्य लीलाओं से अलग करती है। जिसमें एक यह भी है कि रामलीला में भाग लेने वाले सभी पात्रों को  नागरिक पत्रों के अनुरूप भगवान के रूप में ही देखते हैं और इस लीला में पात्र बने लोगों को भी लीला के प्रारंभ से अंत तक धार्मिक रीति रिवाज के अनुशासन में ही रहना होता है। इस वर्ष राम की भूमिका में आदिश्वर शर्मा, लक्ष्मण अमृत शर्मा,  भारत चैतन्य मिश्रा, रावण की महत्वपूर्ण भूमिका में शिव खंडेलवाल, वशिष्ठ की भूमिका में निर्मल मिश्रा, शत्रुघ्न की भूमिका में साई चंदेल, कैकई की भूमिका में गोल्डी अग्रवाल इस लीला में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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