मरही माता कल्याण समिति ने की मंदिर प्रांगण खाली कराने और शासकीय भूमि की नपाई की मांग
मुलताई – नवरात्रि पर्व प्रारंभ होने को है और इधर नगर का प्रसिद्ध मरही माता मंदिर विवाद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं दंडाधिकारी अनीता पटेल के आदेश के बाद बुधवार को मरही माता मंदिर मुख्य मार्ग पर लगा गेट एवं लगाई गई सूचना पटल को भूमि स्वामियों द्वारा हटा लिया गया है किंतु किंतु गेट के लिए बनाए गए दोनों एगंल अब भी यथावत है। इसके साथ ही मरही माता मंदिर समिति के सदस्यों ने आज फिर अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौप आगामी नवरात्रि पर्व हेतु मरी माता मंदिर के सामने का प्रांगण खाली कराने एवं मंदिर के सामने स्थित शासकीय भूमि की नपाई करने की मांग की है।
मरही माता जनकल्याण समिति के सदस्य संजय यादव ,भीवजी पवार, अजय यादव, शिवकुमार माहोरे, सुनील पवार ने ज्ञापन में कहा है कि नवरात्रि पर्व प्रारंभ होने वाला है जिसके लिए मेरी माता मंदिर में सुबह से ही से नवरात्रि के प्रत्येक दिवस महा आरती का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते है जिसके कारण मंदिर के सामने श्रद्धालुओं को खड़े रहने पर्याप्त स्थान की आवश्यकता होगी सामने कृषको द्वारा मक्का की फसल लगाई गई है जिसे समय रहते हटाया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही मरही माता मंदिर मुख्य मार्ग से लगी शासकीय भूमि जिस पर नगर पालिका परिषद मुलताई के द्वारा विधायक निधि से टीन सेट का निर्माण किया गया है जिसके आजू-बाजू भी शासकीय भूमि है जिस पर भविष्य में अतिक्रमण न हो इसलिए उक्त भूमि की नपाई कर इसे सुरक्षित करने की मांग की गई है।
एसडीएम ने आदेश में कहा मार्ग से तत्काल हटाए लोहे का गेट और भविष्य में ना हो पुनरावृत्ति
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं दंडाधिकारी अनीता पटेल ने अपने फैसले में कहां है कि सुदेश वल्द बाजीलाल पंवार, सुमति पति सुदेश पंवार,जय वल्द सुदेश पंवार,रूपनारायण वल्द बाजीलाल पंवारअनावेदकगणों को यह निर्देशित किया जाता है कि मरही माता मंदिर मार्ग एवं मंदिर तथा मंदिर के परिसर में आम जनता को आने जाने एवं प्रवेश एवं पूजा अर्चना करने में नहीं रोकेंगे एवं समिति को मंदिर की देखभाल व्यवस्था एवं रखरखाव, साज-सज्जा एवं रंगरोगन के कार्य में किसी प्रकार की बाधा अर्थात् न्यूसेंस उत्पन्न नहीं करेगे। यदि आदेश के उपरांत भी अनावेदकगण के द्वारा बाधा या न्यूसेंस उत्पन्न करते हैं तो इसके लिये उनके विरुद्ध नियमानुसार प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की जावेगी।आदेश में वर्णित न्यूसेंस से जनता में रोष व्यप्त है जिससे गभीर किस्म की हानि आसन्न है अतः खतरे या हानि का निवारण करने के लिये अविलम्ब उपाय करना आवश्यक हो गया है इसलिए मैं दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 133, 142 के उपबंधों के अधीन अनावेदकगणों को निर्देश देती हूँ कि मुख्य मार्ग से मरहीमाता मंदिर के मार्ग को प्रवेश द्वार पर लोहे का गेट लगाकर किया गया मार्ग अवरोध को तत्काल हटा लें एवं इसकी पुनरावृत्ति ना किया जावे।
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