निरंतर वर्षा के बाद भी क्षेत्र के 80 बांधों के पेट खाली,8 बांधों में जल आवक 10 से 15 प्रतिशत, 80 बांधों में जल भराव शून्य,

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मुलताई – वर्षा ऋतु प्रारंभ हुए दो महा से अधिक गुजर गए हैं। अब तक संपूर्ण क्षेत्र में 402.80 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है किंतु इसके बावजूद क्षेत्र की अधिकांश सिंचाई परियोजनाओं के पेट खाली है

जबकि पिछले वर्ष 25 जुलाई तक अधिकांश बांधों में संतोष जनक जल आवक हो गई थी। मुलताई क्षेत्र की 6 मध्यम सिंचाई परियोजनाओं और  82 लघु सिंचाई परियोजना, कुल 88 सिंचाई परियोजनाओं में से 80 बांधों में जल आवक शून्य है जो की चिंता का विषय है। सिंचाई विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक जिन 8 बांधों में जल आवक हुई है उसमें भी जल आवक का प्रतिशत 10 से 15% से अधिक नहीं है।

इस वर्ष बीते दो माह से रुक रुक के हो रही वर्षा का उल्लेखनीय एवं चिंताजनक पहलू यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक वर्षा रिकार्ड की गई है। वर्तमान समय तक इस वर्ष 2025 में मुलताई क्षेत्र में जहां 402 .80 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है वही वर्ष 2024 में जुलाई के वर्तमान समय तक 340. 80 मिलीमीटर वर्षा हुई थी किंतु पिछले वर्ष अब तक क्षेत्र के 50 प्रतिशत से अधिक बांधों में जल आवक 50 प्रतिशत के लगभग थी और पारस ढ़ोह बांध में जल स्तर मेंटेन करने हेतु गेट खोलना प्रारंभ कर दिया गया था।

अधिक वर्षा के बावजूद बांधों में जल आवक की कमी के संबंध में कार्यपालन यंत्री सीएल मरकाम  बताते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी बेरुखी अब हमारे सामने आ रही है। क्षेत्र में वर्षा तो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हुई किंतु यह वर्षा संपूर्ण क्षेत्र में समान रूप से नहीं हो रही, बल्कि किसी क्षेत्र किसी ग्राम में कम तो कहीं  ज्यादा हो रही है इसलिए बांधों में जल आवक की कमी बनी हुई है।

मुलताई क्षेत्र में मध्यम सिंचाई परियोजना के 6 बड़े बांध है जिसमें बुंडाला बांध मे अब तक 15.74 प्रतिशत जल आवक हुई है तो वही क्षेत्र की महत्वाकांक्षी चंदोरा सिंचाई परियोजना में 8.23 प्रतिशत जल भराव हुआ है। सोनखेड़ी बांध में 19.63 प्रतिशत जल आवक हुई है तो  पारस ढ़ोह बांध में जल आवक दूसरे बांधो की तुलना में 45.69 प्रतिशत जल भराव हुआ है।  बादल ढ़ोह बांध में यह जल आवक मात्र 8.98 प्रतिशत ही है और इससे भी अधिक निराशाजनक स्थिति देहगुड़ बांध की है जहां मात्र 3.71 प्रतिशत जल आवक हुई है। पंचधरा बांध में यह जल भराव का प्रतिशत 11.81 है तो बघोली में मात्र 9 प्रतिशत जल आवक हुई है ।

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