मुलताई- माता सावित्रीबाई फुले की 194 वीं जयंती एवं भारतीय संविधान का हीरक जयंती समारोह के अवसर पर शुक्रवार नगर में संविधान प्रचारिणी सभा का आयोजन किया गया।
जिसमें भारतीय संविधान प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट धनीराम बंजारे, विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्नेहलता खातरकर, इंडियन संविधान स्टार प्रचारक उमा सिरसाम, विज्ञान जंगम आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम माता सावित्री बाई फुले के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। जिसके बाद विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जिसमें स्कूली बच्चों द्वारा शिक्षिका विमला निरापुर के निर्देशन में डॉक्टर अंबेडकर के जीवन पर प्रस्तुत किया गया नाटक ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एडवोकेट बंजारे ने कहा कि संविधान भावनाओं का विषय नहीं संभावनाओं का विषय है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 ‘क’ शिक्षा के अधिकार के बारे में विस्तार से जानकारी दी, उन्होंने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले ने ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर देश भर में शिक्षा के लिए आंदोलन चलाए थे। सबसे पहले शिक्षा बहुत जरूरी है, 1952 से संविधान की शपथ ली जा रही है लेकिन अभी तक भी संविधान में वर्णित इस अनुच्छेद का पूर्णरूपेण पालन नहीं लिया जा सका है। उन्होंने कहा कि संविधान का लाभ तभी मिलेगा जब इसका पालन होगा। सभी समस्याओं का समाधान एकमात्र भारत का संविधान है।
किसी भी देश का संविधान उस देश की समस्याओं का समाधान करने के लिए होता है और संविधान पालन करने के लिए ही है, यह फ्रेम करवा कर रखने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री सहित सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अपनी मांग उनके सामने रखी जिसमें मुख्य रूप से देश में एक संविधान चैनल शुरू की जाए, संविधान पर फिल्म निर्माण करावे, संविधान को कक्षा आठवीं से अनिवार्य विषय के रूप में पाठ्यक्रमों में शामिल करें, जिसे फिलहाल सरकार ने कुछ हद तक मान लिया है, राष्ट्रीय पर्वों पर संविधान आधारित कार्यक्रम आयोजित करें एवं देश के प्रत्येक परिवार को संविधान की प्रति निशुल्क प्रदान करें। उक्त कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में न सिर्फ नगर अपितु आस पास के दर्जनों गांवों से भी लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। उपरोक्त कार्यक्रम का आयोजन यशोधरा महिला मंडल और आनंद बौद्ध विहार समिति के संयुक्त तत्वधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता दीपा अतुलकर द्वारा की गई।