मुलताई- हमने खुद के या खेतों के लिए नदियों के जल से मतलब रखा किंतु जल कहां आज से आता है इसका हमें ध्यान नहीं ।जल रहा होगा, नदी रही होगी तभी सभ्यता पैदा हुई,
उक्त बात नदियों के उद्गम स्थलों की खोज में निकले मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ताप्ती उद्गम स्थल मुलताई एवं वर्धा उद्गम स्थल मुलताई क्षेत्र के ग्राम खेरवानी का दौरा करने के बाद आमला ब्लॉक के अंबाडा ग्राम पंचायत में बेल नदी के उद्गम का भ्रमण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि

समय के साथ हमारे मन में लालच आ गया, हमने पानी से तो मतलब रखा किंतु पानी के स्रोतों से मतलब नहीं रखा आज मैं 63वीं नदी के उद्गम स्थल पर पहुंचा हूं मैंने देखा है कि जहां भी नदियों के उद्गम रहे हैं वहां जंगल रहे होंगे अगर आज यह जल स्रोत सुख हैं इसका मतलब है हमने वहां से पेड़ों को काटा है।अगर आप पौधे लगाते हैं और उसे जीवित रखते है तो वह आप अपने लिए नहीं बल्कि अपनी आने वाली पीढियां का भला करते हैं।
मां नर्मदा की परिक्रमा से मुझे इस बात का एहसास हुआ है कि
- हर नदी का अपना चरित्र है, हर नदी का अपना जीवन है, हर नदी की अपनी वनस्पति है,
- और हर नदी के किनारे रहने वाले लोगों का अपना स्वभाव है
- और वह स्वभाव उसके जल के कारण है।

इस अवसर पर उनके साथ मुलताई विधायक चंद्रशेखर देशमुख, आमला विधायक डॉ योगेश पंड़ाग्रे, जिला भाजपा अध्यक्ष सुधाकर पवार भी उपस्थित थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल शुक्रवार की रात ताप्ती उद्गम स्थली पवित्र नगरी मुलताई पहुंचे थे उन्होंने बीती रात मां ताप्ती मंदिर पहुंचकर माँ ताप्ती मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की इसके बाद पवित्र नगरी में रात्रि विश्राम के बाद वह आज शनिवार वर्धा उद्गम स्थल खैरवानी पहुँचकर पूजा-अर्चना कर मां वर्धा का दर्शन लाभ प्राप्त किया। और इसके साथ ही वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
