मुलताई- मुलताई नगर की सीमा से लगी ग्राम पंचायतो में जंगली सूअर एवं नीलगायों के झुंड किसानों के लिए आतंक का पर्याय बन गए है। वन्य प्राणी न सिर्फ किसानो की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि किसानों पर हमले भी कर रहे हैं
जिसको लेकर ग्रामीणों में भय व्याप्त है। क्षेत्र में नीलगाय एवं जंगली सुवरों के आतंक को लेकर आज ग्राम पंचायत चौथिया के ग्रामीणों ने एसडीएम मुलताई को ज्ञापन सौप वन्य प्राणियों द्वारा फसल को पहुंचाएं जा रहे नुकसान का सर्वे करा कर मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। ग्राम पंचायत चौथया के उप सरपंच सतीश डोगरदिए के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में कहा गया है कि
सम्पूर्ण ग्राम पंचायत चौथिया की सीमा में विगत वर्षों से वनप्राणियो (सुअर एवं नीलगाय) के द्वारा खरीफ, रबी फसलों पर झुण्ड के साथ खेतो में घुसकर भारी नुकसान तथा कृषको (महिला एवं पुरूष) पर हमला किया जा रहा है जिससे संपूर्ण क्षेत्र में भय और आतंक का माहौल है। वर्ष 2024 एवं वर्तमान में भी वन्य प्राणियों के द्वारा हमले की घटनाएं हो चुकी है जिससे सभी कृषक डर के साये में रहकर फसलों की देखरेख नहीं कर पा रहे है, पकी हुई फसलो को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा है कि प्रत्येक कृषक अपनी क्षमता से अधि खेतो की फसलो के लिये कर्ज लेकर सहाकारी बैंक एवं साहूकारो से खाद, बीज, दवाईया खरीदार अपनी भरपुर मेहनत के साथ फसलो की उपज तैयार करता है किंतु कड़ी मेहनत के बाद जो फसल तैयार होती है


वन्य प्राणियों द्वारा उसे नष्ट कर दिया जाता है जिससे किसानों के सामने आजीविका की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है । ज्ञापन में मांग की गई है कि फसलो की क्षति को बचाने हेतु सबंधित वन विभाग उचित कार्यवाही करे जिससे की खड़ी फसलो एवं कृषको को वनप्राणियो के हमले से बचाया जा सके। ज्ञापन सौंपने वालों में सतीश डोंगरदिए, सुदामा पाठेकर, कुसुम लाल साहू, पारसनाथ, कर देवी राम प्रहलाद पाठेकर, जीवन पाठेकर आदि प्रमुख है।
इनका कहना
वन्य प्राणियों ने जिस भी कृषक की फसल को नुकसान पहुंचा है उस नुकसान का सर्वे वन विभाग और राजस्व विभाग कि संयुक्त टीम करेगी और सभी कृषक को राजस्व के माध्यम से फसल नुकसान का मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
नितिन पवार वन परिक्षेत्र अधिकारी मुलताई
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