बढ़ते रहवासी क्षेत्र के चलते स्थान परिवर्तन आवश्यक — प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने किया निरीक्षण
मुलताई-मसोद रोड पर स्थित नगर पालिका की कचरा खंती, जो कभी नगर सीमा से बाहर थी, अब रहवासी क्षेत्र का हिस्सा बन चुकी है। यह कचरा खंती आसपास रहने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन गई है। लंबे समय से इसे नगर सीमा से दूर हटाने की मांग उठती रही है, किंतु अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। हाल ही में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिंदवाड़ा के क्षेत्रीय अधिकारी अरविंद तिवारी, एसडीएम राजेश कहार, तथा नगर पालिका उपयंत्री योगेश अनेराव ने कचरा खंती स्थल का निरीक्षण कर पंचनामा तैयार किया। इसके बाद यह माना जा रहा है कि मसोद रोड स्थित कचरा खंती को हटाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।
यह उल्लेखनीय है कि नगरीय सीमा के भीतर स्थित इस कचरा खंती से स्थानीय नागरिकों को हो रहे दुष्प्रभावों को देखते हुए क्षेत्र निवासी गुड्डू पाटेकर ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व विभाग एवं नगर पालिका की संयुक्त टीम ने स्थल निरीक्षण किया। नगर पालिका अधिकारी एवं तहसीलदार अब शासन की रिक्त भूमि की तलाश में जुट गए हैं, ताकि कचरा निस्तारण के लिए नया स्थान निर्धारित किया जा सके।

कचरा प्रबंधन : खर्च ही खर्च, नतीजा कुछ नहीं
मुलताई नगर पालिका ने पिछले पाँच वर्षों में कचरा प्रबंधन के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, किंतु इसके बावजूद कोई ठोस परिणाम नहीं दिख रहा।
कचरा प्रबंधन के जानकारों का कहना है कि यह योजना “कचरा प्रबंधन से अधिक जेब प्रबंधन” बनकर रह गई है। वर्तमान में कचरा मैदान की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, यहाँ तक कि नगर पालिका द्वारा पहले बनाए गए तालाब में भी कचरा फेंका जा रहा है, जिससे जल स्रोतों का जल दूषित हो रहा है।

राजस्व एवं नगर पालिका टीम करेगी नई भूमि की तलाश
नगर का आवासीय क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में नई डंप साइट की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है।
नगर पालिका को अब ऐसा स्थान चुनना होगा जो नगर सीमा से कम से कम 4 से 5 किलोमीटर दूर हो, क्योंकि वर्तमान में लगभग 2 किलोमीटर क्षेत्र अवैध कॉलोनियों से भर चुका है। आने वाले पाँच वर्षों में नगर से होकर गुजरने वाले सात मुख्य मार्गों के आसपास आवासीय क्षेत्र और बढ़ने की संभावना है।
इसलिए प्रशासन को ऐसा स्थान चुनना होगा जहाँ अगले 20 वर्षों तक आवासीय क्षेत्र और कचरा खंती के बीच पर्याप्त दूरी बनी रहे।
इनका कहना है
“प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एसडीएम और नगर पालिका की संयुक्त टीम ने वर्तमान कचरा स्थल का निरीक्षण किया है। बढ़ते रहवासी क्षेत्र को देखते हुए स्थान परिवर्तन आवश्यक है। एसडीएम ने तहसीलदार को भूमि चयन के लिए निर्देश दिए हैं।” — योगेश अनेराव, उपयंत्री, नगर पालिका मुलताई