आवारा मवेशियों की रोकथाम के आदेश हुए बेअसर,जिला कलेक्टर के आदेश को लेकर गंभीर नहीं विभाग,

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और ना ही नगर निकाय  द्वारा कर्मचारी/वॉलेंटियर नियुक्त किए गए हैं और नाही इस आदेश के परिपालन में मुनादी ही कराई गई है। इस आदेशों को विभागों ने कितना गंभीरता से लिया है इसका प्रमाण यह भी है कि इस आदेश की कॉपी विभागों की सूचना पोर्टल तक पर चश्पा नहीं की गई है। इधर दूसरी ओर मुलताई नगर में आवारा मवेशियों का आतंक बढ़ता जा रहा है और आए दिन मवेशियों के दुर्घटनाग्रस्त होने के भी समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

पशुओं की सड़क दुर्घटना से मृत्यु एवं जनहानि पर रोक लगाने की गरज से संवेदनशील कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी नरेन्‍द्र कुमार सूर्यवंशी ने संपूर्ण जिले में  लोक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किया जाकर पशुओं का आम सड़क पर विचरण करने से रोकने संबंधित आदेश जारी किया है। किंतु  पवित्र नगरी मुलताई में इस आदेश का प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है इसके विपरीत आवारा मवेशियों की समस्या बढ़ते जा रही है । इस आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति अगर अपने गौवंश या अन्य मवेशियों को जानबूझकर अथवा उपेक्षापूर्वक सार्वजनिक सडक अथवा स्थान पर खुला छोडता है तो संबंधित व्यक्ति/पशुपालक के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किया जाना था किंतु नगर में घूमते सैकड़ो आवारा मवेशियों के पशुपालकों पर अब भी  कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जिला कलेक्टर के आदेश में कहा गया है कि जी विवाह की सड़क होगी उसे विभाग पूर्ण उत्तरदायित्व होगा कि वह मवेशियों के अपने मार्ग पर विचरण पर प्रतिबंध लगाए। सड़कों पर पेट्रोलिंग की कार्यवाही करते हुए मवेशियों को सडक पर आने से रोकने की कार्यवाही करे। सडक दुर्घटना में मृत पशुओं के तत्काल नियमानुसार निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे, साथ ही घायल पशुओं के ईलाज हेतु उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं बैतूल से संपर्क कर तत्काल चिकित्सीय व्यवस्था उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगे ।

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