मुलताई। बीती रात मुलताई पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दबिश देकर सफेद रंग की स्विफ्ट कार से अवैध शराब की तस्करी करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 136.68 लीटर शराब, कीमत करीब 1,56,000 रुपये बरामद की गई है।
मोहन यादव सरकार द्वारा प्रदेश की 17 पवित्र एवं धार्मिक नगरियों में शराबबंदी लागू की गई है। जिसके चलते पवित्र नगरी मुलताई की सभी देशी-विदेशी शराब दुकानें बंद कर दी गई हैं, किंतु इसके बाद नगर की गलियों में शराब तस्करों की बाढ़ आ गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि बोरदेही की ओर से एक सफेद कार में अवैध शराब लेकर मुलताई की ओर आ रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस रवाना हुई और बोरदेही की ओर जाते समय एक सफेद स्विफ्ट कार आती दिखाई दी।
रोकने का प्रयास करने पर कार चालक ने टेमझिरा लिंक रोड की ओर कार मोड़ दी। पीछा कर कार को रोककर पूछताछ की गई। कार चालक ने अपना नाम मनीष शाह (42 वर्ष) निवासी बंगाली कॉलोनी, मुलताई बताया तथा कंडक्टर सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपना नाम रोहित पिता इन्द्राज धोगले (24 वर्ष) निवासी भगतसिंह वार्ड, मुलताई बताया। कार क्रमांक MP 04 CC 4605 की तलाशी लेने पर शराब की पेटियां मिलीं।

नीचे उतारकर गिनती की गई, जिसमें पाया गया:
• रॉयल चैलेंज शराब 33 बोतल, प्रत्येक 750 एमएल
• रॉयल चैलेंज शराब 48 पाव, प्रत्येक 180 एमएल
• रॉयल स्टेज शराब 48 पाव, प्रत्येक 180 एमएल
• सिग्नेचर प्रीमियम शराब 96 पाव, प्रत्येक 180 एमएल
• रॉयल स्टेज शराब की सीलबंद बोतलें, प्रत्येक 750 एमएल
• आइकोनिक व्हाइट शराब 134 पाव, प्रत्येक 180 एमएल
• देशी मदिरा प्लेन के 250 पाव, प्रत्येक 180 एमएल
कुल 136.68 लीटर शराब कीमत लगभग 1,56,000 रुपये।

लाइसेंस संबंधी पूछताछ में आरोपी कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। उनका कृत्य आबकारी एक्ट की धारा 34(2) का अपराध पाया गया। तलाशी के दौरान रोहित धोगले के पास से ओप्पो कंपनी का एक काला मोबाइल कीमत लगभग 4,000 रुपये और घटना में प्रयुक्त सफेद कार कीमत करीब 5,00,000 रुपये बरामद की गई। कुल मशरूका 6,60,000 रुपये जप्त किया गया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अपराध क्रमांक 1022/25 धारा 34(2) आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। नगर में शराब, जुआ, सट्टा तथा भूमाफियाओं के खेमे तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। जिसके चलते आपराधिक गतिविधियां भी लगातार बढ़ रही हैं और प्रशासन के लिए यह चुनौती बनती जा रही है क्योंकि हर खेमा किसी ना किसी प्रभावशाली व्यक्ति से जुड़ा नजर आता है।
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