मुलताई- प्रदेश सरकार परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण के लिए गंभीर है किंतु स्थानीय नगर प्रशासन के लिए परंपरागत जल स्रोत, कभी प्राथमिकता नहीं रहे । नतीजा यह कि ,नगर के जल स्रोतों का आधार ताप्ती सरोवर और शनि सरोवर धीरे धीरे क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं।
शनि सरोवर के घाट जगह-जगह से टूट कर बिखर गए हैं। ताप्ती सरोवर स्थिति भी ठीक नहीं है। गजानन मंदिर के समक्ष वाले भाग की दीवार बाहर आ गई है। देख कर लगता है ,कभी भी सरोवर में समा जाएगी। कर्बला घाट का अधूरा कार्य ,कई वर्षों से पूर्ण नहीं हुआ। वह अब भी अधूरा है।
ताप्ती सरोवर का 12 क्वार्टर का पिछला भाग भी क्षतिग्रस्त है। ताप्ती सरोवर का शुलूस गेट ,बीते 15 वर्षों से खराब है नगर पालिका अनेकों बार परिषद प्रस्ताव ले चुकी है किंतु शुलूस गेट का स्थाई समाधान नहीं हो सका, ताप्ती निकासी मार्ग से ताप्ती सरोवर का जल पूरे वर्ष भर व्यर्थ बहता रहता है, जिससे ताप्ती सरोवर का जल स्तर निरंतर घटता है। नगर की जनता बीते 10 सालों से ताप्ती जल निकासी मार्ग के नव निर्माण की मांग करते आ रही है ,किंतु कोई नतीजा नहीं निकला । नागरिकों का मानना है कि सरोवर की उपेक्षा का मुख्य कारण यह है कि, राजनीति करने वाले नेताओं और नगर प्रशासन के लिए नगर की आस्था से जुड़े सरोवर प्राथमिकता कभी नहीं रहे।
सरोवरो की अनदेखी और कचरा प्रबंधन पर करोड़ों खर्च-
ताप्ती सरोवर, सूर्य नारायण सरोवर, शनि सरोवर स्थानीय राजनीति और स्थानीय नगर प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो गए, और देखते देखते ही इन सरोवर की स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही है। जानकार बताते हैं कि नगर के सरोवर नगर प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए किंतु इसके बजाय नगर पालिका ने कचरा प्रबंधन के नाम पर नगर से बाहर, मासोद रोड पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए एक साथ खर्च नहीं किए जा सकते थे तो अलग-अलग पीस वर्क बनाकर खर्च कर दिए और आज भारी-भरकम राशि खर्च के बावजूद उस कचरा प्रबंधन का औचित्य खोजना कठिन हो रहा है।
सूर्य नारायण सरोवर में राशि और जल जाता कहां है–
नेहरू वार्ड में सूर्य नारायण सरोवर का निर्माण, ताप्ती की मुरम से लगभग 20 वर्ष पूर्व किया गया था, अपने निर्माण कार्य से अब तक अनेकों बार लाखों रुपए सुधार कार्य में के नाम पर खर्च किए गए, हर बार निर्माण कार्य, प्रारंभ करने के बाद यह दावा किया गया कि, अब सूर्य नारायण सरोवर में जल संग्रहित हो सकेगा ,किंतु इन 20 वर्षों में इसमें लगाई गई राशि ,कहां गई ना तो इसका पता है ,और ना ही इसमें कभी जल संग्रह ही हो पाया है। हाल ही में 2.0 योजना में फिर सूर्यनारायण सरोवर की सवा करोड रुपए की लागत से सुधार की योजना बनाई गई है। किंतु इसके बावजूद भी इस सरोवर में जल का भरा हो पाएगा कहना कठिन है।
दूसरी ओर जहां नगर पालिका ने 2.0 में लगभग नल जल एवं और सूर्यनारायण सरोवर 9 करोड़ के जल से संबंधित योजनाएं बनाई है इस योजना में ताप्ती सरोवर के घाट ताप्ती सरोवर का सरोवर का जुलूस गेट एवं शनि सरोवर के घाट को भी शामिल कर सुधार की योजना बनाई जा सकती थी किंतु नगर की जो पहली प्राथमिकता है ना तो वह प्रशासन के लिए प्राथमिक है और ना ही जनप्रतिनिधियों ने उसे कभी प्राथमिक माना।
इनका कहना- ताप्ती सरोवर और शनि सरोवर के घाट निर्माण की अभी कोई योजना नहीं है। ताप्ती सरोवर के शुलूस गेट का प्रस्ताव लेकर स्वीकृति के लिए भेजेंगे।
योगेश अनेराव,उपयंत्री नगर पालिका मुलताई