जिला कलेक्टर के सामने पहुंचा नगर सरकार और नगर पालिका अधिकारी विवाद

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मुलताई – नगर सरकार एवं सीएमओ के बीच चलने वाला विवाद जिला मुख्यालय पहुंच गया है नगर पालिका अध्यक्ष नीतू परमार के नेतृत्व में नगरपालिका उपाध्यक्ष और सभापति पार्षदों ने जिला कलेक्टर से भेंट कर नगर पालिका अधिकारी नितिन बिजवे के खिलाफ ज्ञापन सौप  नगर पालिका अधिकारी बिजवे के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की सौपे गए ज्ञापन में विजवे के कार्यकाल में डीजल पर खर्च की गई राशि की जाँच कराये जाने एवं प्रेसिडेंट ऑफ काउंसिल के प्रस्ताव के विरुद्ध नगर पालिका गायक राजस्व निरीक्षक दुर्गा सिंह चंदेल को नियम विरुद्ध शाहपुर नगर पालिका हेतु भार मुक्त किए जाने के मामले में कार्यवाही की मांग की गई है। नगर पालिका अध्यक्ष नीतू परमार ने बताया कि जिला कलेक्टरत्रने हमारी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया है। सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि नगर पालिका परिषद्‌ मुलताई में पदस्थ हुये है

नीतू परमार ने कहा कलेक्टर ने दिया आश्वासन होंगी कार्यवाही

तब से डीजल पर 8-9 लाख रूपये प्रतिमाह खर्च किया जा रहा था । किन्तु नवनिर्वाचित परिषद गठन के बाद परिषद को इस बाबत्‌ जानकारी होने पर डीजल खर्च पर सुचारू रूप से व्यवस्था करने के बाद 3,76,000 रूपये ही खर्च हो रहा है ।उक्त सम्बंध में नवनिर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सभापति पार्षद द्वारा पी.आई.सी. बैठक विगत वर्षों में किये गये व्यय/’भुगतान पर चर्चा करने हेतु बुलाया गया । किंतु सी.एम.ओ.  बिजवे ने अध्यक्ष का आदेश मानने से इंकार कर दिया और कहा कि जिसे हिसाब देखना है मेरे पास आवे ।सी.एम.ओ. के द्वारा महिला सभापतियों को कहाँ जाता है कि मेरे चेम्बर में आओ मैं वहाँ आपको फाईल दिखाऊंगा, इनके द्वारा महिलाओं से अभद्र भाषा में बात की जाती है महिला सभापति इनके व्यवहार के कारण इनसे मिलने में घबराते है । सी.एम.ओ. कक्ष में एक केबिन इन्होने बनाकर रखा हुआ है जिसके दरवाजे में वन वे विजन ग्लास लगा हुआ है । यह समझ में नहीं आता हैं कि एक शासकीय कार्यालय में वन वे विजन काँच लगाने का औचित्य है । इनकी पूर्ण कार्यप्रणाली संदेहास्पद है । विगत परिषद का कार्यकाल पूर्ण होने की तिथि से आज दिनांक तक विभिन्‍न मदों से किया गया भुगतान /बिल की जानकारी पी.आई.सी. की बैठक में उपलब्ध कराई जावे । जापान सौंपने वालों में नगर पालिका अध्यक्ष नीतू परमार, उपाध्यक्ष शिवकुमार माहोरे, पार्षद सुरेश पौनीकर, पार्षद अंजलि शिवहरे, सुमित शिवहरे, प्रह्लाद ठाकुर,  नीतू साहू ,रामा उबनारे।

इतनी गोपनीयता क्यों है भाई…….

आम व्यक्ति को जानने का अधिकार संविधान देता है और इस जानने के अधिकार को सूचना का अधिकार परिपक्व बनाता है किंतु प्रभु सोनारे बताते हैं कि मुलताई नगर पालिका में सूचना का अधिकार बेमानी बनकर रह गया है । जिसके अनेक मामले राज्य सूचना आयोग में विचाराधीन है। यह तो आम व्यक्ति की बात हुई  किंतु आज नगर सरकार खुद अपने  विभागीय खरीदी बिक्री आय व्यय की जानकारी के लिए अधिकारियों  से गुहार लगा रही है।

लोग कह रहे हैं  कि यह मात्र चुने हुए जनप्रतिनिधियों का अपमान नहीं बल्कि नगर की लगभग 40 हजार जनता और 25 हजार से अधिक मतदाताओं का अपमान है। किंतु प्रश्न यह है कि नगर की जनता की राशि का दुरुपयोग नहीं हुआ है तो यह गोपनीयता क्यों है…? व्यक्ति को उसकी राशि कहां खर्च हुई जानने का पूरा अधिकार है क्योंकि  यह राशि उन गरीबों की है जिनके दुकानों पर स्थिति देखे बगैर 10 हजार के लिए ताले लगाए गए थे। 500 रुपए के जल कर बकाया  के लिए जिनके घर पर 15 लोग खड़े हो जाते थे और भवन टैक्स के लिए जिनके घर के सामने माइक पर जिनका नाम पुकार कर अपमान किया जाता था।

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