Betul: चंद्रयान उतरने के पहले ही जमीन की कर ली रजिस्ट्री, बालाजीपुरम संस्थापक सेम वर्मा ने करवाचौथ पर पत्नी को दी थी चांद पर जमीन

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एस.के.द्विवेदी

बैतूल-बुधवार की शाम को चंद्रयान की लेंडिंग के बाद से लगातार चांद पर चर्चाओं का दौर लगभग हर आम और खास की जुबान पर है। भारत का गौरव चंद्रयान-3 ने जो उपलब्धि हासिल की, उससे सभी वाकिफ हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रयान के चांद पर उतरने के पहले ही चंद्रमा की जमीन का रियल स्टेट कारोबार शुरू हो चुका है। हमारे कवियों और शायरों ने तो पहले ही अपनी प्रेयसी के लिए चांद तोड़ कर लाने का जिक्र किया ही है, अब 85 साल के अमेरिकन एनआरआई सेम वर्मा ने भी अपनी जीवनसाथी जयदेवी वर्मा (76 वर्ष) के लिए चांद पर जमीन ले ली है। पिछले दिनों एक नई फिल्म का ये गाना भी बहुत मशहूर हुआ था, तेरे वास्ते फलक से मैं चांद लाऊंगा। इसी गाने को सार्थक बनाने में ये लूनर सोसायटी अपना व्यवसाय चमका रही है।

इस संबंध में जब एनआरआई सेम वर्मा से बात की तो पहले तो उन्होंने भारत के चंद्रयान अभियान को शुभकामनाए देते हुए गौरवशाली बताया। फिर कहा कि चांद पर जमीन खरीदना भले ही कानूनी या अभी कुछ दशक अप्रायोगिक लगे, लेकिन एक दिन ऐसा जरूर आएगा, जब लोग चांद पर रह सकेंगे। उनका चांद पर जमीन खरीदने का सर्टिफिकेट ऐसे ही सपनों को जागृत करने की दिशा को समर्थन करना था। उन्होंने बताया कि नवंबर 2020 में उन्होंने अपनी धर्मपत्नी के नाम ये जमीन रजिस्ट्री की थी। लूनर सोसायटी ने न सिर्फ उस जमीन के टुकडे की फोटो भेजी, बल्कि चांद पर या लूनर रिपब्लिक में रहने की सिटीजनशिप भी दी।

आइए अब उस हकीकत की पड़ताल करते हैं कि हम चांद पर जमीन खरीद सकते हैं या नहीं ? चांद पर किसी का मालिकाना हक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद कई कंपनियां हैं जो चांद पर जमीन बेचने का दावा करती हैं और इनके जरिए कई लोग चांद पर जमीन खरीद चुके हैं। इन दिनों चांद की काफी बातें हो रही हैं, दरअसल भारत के चंद्रयान 3 ने चांद पर लैंडिंग की है, जो कि चांद के कई रहस्यों का पता लगाएगा। इस बीच कई लोगों के मन में ये सवाल भी है कि क्या चांद पर जमीन खरीदी जा सकती है? कई कंपनियां पहले चांद पर जमीन बेचने और कई लोगों के जरिए चांद पर जमीन खरीदने की बात सामने आ चुकी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी हकीकत क्या है। गौरतलब है कि धरती पर मौजूद किसी भी देश का अंतरिक्ष पर अधिकार नहीं है और न ही चांद, सितारे और अन्य अंतरिक्ष की वस्तुओं पर किसी देश का कोई अधिकार है. इसको लेकर

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून भी बना हुआ है, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून की पांच संधियों और समझौतों में “किसी एक देश के जरिए बाहरी अंतरिक्ष का गैर-विनियोग, हथियार नियंत्रण, अन्वेषण की स्वतंत्रता, अंतरिक्ष वस्तुओं से होने वाली क्षति के लिए दायित्व, अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और बचाव, की रोकथाम शामिल है।
ऐसे में चांद पर जमीन खरीद सकते हैं या नहीं, इसको लेकर बता दें कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून चांद पर जमीन खरीदने को कानूनी तौर पर मान्य नहीं करता है। वहीं कुछ कंपनियों का तर्क है कि ये कानून देशों को चांद पर किसी भी प्रकार का अधिकार जताने से रोकती है, नागरिकों को नहीं। ऐसे में उन कंपनियों का कहना है कि व्यक्तिगत तौर पर चांद पर कानूनी रूप से जमीन खरीद सकता है।

एक जानकारी के अनुसार ‘लूनर सोसायटी आफ इंटरनेशनल’ और ‘ इंटरनेशनल लूनर लैंडस रजिस्ट्री’ वो कंपनी है जो कि चांद पर जमीन बेचने का दावा करती हैं। इनके जरिए कई लोग चांद पर जमीन खरीद चुके हैं। वहीं, कीमत के बारे में बात की जाए तो Lunarregistry.com के मुताबिक चांद पर एक एकड़ जमीन की कीमत 37.50 डॉलर यानी करीब 3,080 रुपये है। वहीं, अगर चांद के मालिकाना हक की बात की जाए तो इसका मालिकाना हक किसी के पास भी नहीं है और ना ही कोई इसका मालिकाना हक हासिल कर सकता है। दूसरी तरफ स्पेस लॉ पर किताबें लिखने वाले लेखक डॉ. जिल स्टुअर्ट ने एक किताब भी लिखी है। इस किताब में उन्होंने लिखा है कि लोग चांद पर जमीन खरीदने और गिफ्ट करने को अब एक फैशन ट्रेंड बना चुके हैं। हालांकि किसी का चांद पर मालिकाना हक न होने से यह काम एक व्यवसाय है और कई हजार करोड़ों रुपयों का बिजनेस बन चुका है।. करीब 3 हजार रुपये प्रति एकड़ की कीमत होने के चलते लोग इस पर सोच-विचार भी नहीं करते।


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