जेएच कॉलेज में एसडीईआरएफ ने दिया आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण
बैतूल। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों के पालन में शासकीय जयवंती हॉक्सर कॉलेज में आपदा प्रबंधन विषय पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण एसडीईआरएफ की टीम द्वारा प्लाटून कमांडर सुनीता पन्दरे के नेतृत्व में प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान एसडीईआरएफ के जवानों ने प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जिले में संभावित बाढ़, आगजनी, भूकंप, प्राथमिक उपचार तथा वर्तमान में जारी शीतलहर से बचाव के उपायों को क्रमवार एवं व्यवहारिक रूप से समझाया गया।
प्राथमिक उपचार एवं रेस्क्यू तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण
प्राथमिक उपचार के अंतर्गत घावों पर पट्टी बांधने, घायलों को सुरक्षित रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की आकस्मिक विधियों की जानकारी दी गई। स्ट्रेचर के उपयोग के साथ-साथ घरेलू संसाधनों से स्ट्रेचर तैयार करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। इसमें रस्सी, कंबल, बोरी, टी-शर्ट आदि की सहायता से स्ट्रेचर बनाकर उपयोग करने की विधि सिखाई गई। साथ ही आपात स्थिति में सीपीआर (CPR) देने की प्रक्रिया की भी जानकारी दी गई।

बाढ़, भूकंप एवं आग से बचाव के उपाय बताए
बाढ़ आपदा के दौरान क्या करें और क्या न करें, इस पर विशेष रूप से जोर दिया गया। लाइफ जैकेट के उपयोग के साथ-साथ प्लास्टिक की बोतलों से अस्थायी लाइफ जैकेट बनाने तथा घरेलू सामान से राफ्ट तैयार करने की जानकारी दी गई।
बांस की राफ्ट, कुंडी की राफ्ट, केले के तने, ढोलक, खाली ड्रम-पीपा, सूखी लकड़ियों के गट्ठे एवं चार पहिया वाहन के ट्यूब से राफ्ट बनाने के तरीके समझाए गए।
भूकंप को आकस्मिक आपदा बताते हुए इससे बचाव के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी गई। वहीं आग लगने की स्थिति में क्या करें और क्या न करें, आग के प्रकार, गैस सिलेंडर में लगी आग बुझाने के उपाय तथा किसी व्यक्ति के कपड़ों में आग लगने पर कंबल से ढकने या जमीन पर लेटकर गुलाटी करने की विधि समझाई गई। फायर एक्सटिंग्विशर के प्रकार, उनके उपयोग एवं सही संचालन की जानकारी भी दी गई।

शीतलहर से बचाव के उपायों पर भी दी गई जानकारी
प्रशिक्षण के दौरान ठंड के मौसम में शीतलहर से बचाव के उपायों पर भी चर्चा की गई। इसमें गर्म कपड़े पहनने, सिर ढककर रखने, गर्म भोजन एवं पेय पदार्थों का सेवन करने, आवश्यकतानुसार आग जलाकर ठंड से बचाव करने तथा बीमार होने पर तुरंत चिकित्सकीय उपचार कराने की सलाह दी गई।
कार्यक्रम में कॉलेज की प्राचार्य श्रीमती मीनाक्षी चौबे, एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट श्री खुशहाल देवघरे, एनसीसी अधिकारी डॉ. ऋतु साहू, एनएसएस अधिकारी प्रोफेसर शंकर सातनकर सहित एनसीसी के लगभग 150 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

