मुलताई।मध्य प्रदेश को महाराष्ट्र से जोड़ने वाले मुलताई–गौनापुर–वरुण–महाराष्ट्र बॉर्डर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-347 ए) के चौड़ीकरण हेतु किए गए भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रभातपट्टन क्षेत्र के किसानों में भारी असंतोष व्याप्त है।
इस संबंध में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 48 के अंतर्गत मुलताई के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं सक्षम प्राधिकारी के न्यायालय में विधिवत आपत्ति पत्र प्रस्तुत किया है।
किसान सोनू, अजय एवं मनोहर सहित अन्य प्रभावित किसानों ने आपत्ति पत्र में बताया कि तहसील प्रभातपट्टन के ग्राम प्रभातपट्टन में एनएच-347 ए के दो लेन विद पेवर्ड शोल्डर निर्माण के लिए निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिसका अधिनिर्णय 23 सितंबर 2025 को पारित किया गया था। किसानों का आरोप है कि यह भूमि अधिग्रहण असमान, अन्यायपूर्ण एवं पक्षपातपूर्ण है, जिसे वे स्वीकार नहीं करते।किसानों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में काश्तकारों एवं भूमि धारकों की भूमि अलग-अलग मात्रा में ली गई है, जिससे कहीं कम तो कहीं अत्यधिक भूमि अधिग्रहित हुई है। साथ ही अधिग्रहित भूमि में सागौन के पेड़, फलदार वृक्ष, कुएं, ट्यूबवेल तथा उपजाऊ एवं सिंचित कृषि भूमि शामिल है, जिनका मूल्यांकन नियमानुसार एवं वास्तविक स्थिति के अनुरूप नहीं किया गया।

उर्वरता व सिंचाई सुविधा को ध्यान में रखकर मुआवजा तय करने की मांग
किसानों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौंपे गए आपत्ति पत्र में उल्लेख किया है कि भूमि की उर्वरता, सिंचाई सुविधाएं, वृक्षों की संख्या तथा स्थायी संरचनाओं को ध्यान में रखते हुए मुआवजे का विधिवत निर्धारण नहीं किया गया है। इससे किसानों को गंभीर आर्थिक क्षति होने की आशंका है।
मुआवजा पुनः निर्धारित करने की मांग
किसानों ने अधिग्रहित भूमि का मुआवजा पुनः निर्धारित करने की मांग की है तथा सभी प्रभावित किसानों को नियमों के अनुसार उचित एवं न्यायसंगत मुआवजा प्रदान किए जाने की अपील की है। किसानों ने स्पष्ट किया है कि जब तक मुआवजे का विधिवत एवं पारदर्शी निर्धारण नहीं किया जाता, तब तक वे अपनी भूमि सौंपने के लिए तैयार नहीं हैं।आवेदन में यह भी मांग की गई है कि भूमि अधिग्रहण के बदले किसानों को चार गुना मुआवजा प्रदान किया जाए, जिससे उनकी आजीविका एवं भविष्य सुरक्षित रह सके। किसानों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में वे आंदोलन करने को विवश होंगे।

