कोल्ड्रिफ  सिरप लेने से आमला ब्लॉक के दो बच्चों की मौत की आशंका, पुष्टि नहीं,बुखार आने पर इलाज के लिए परासिया ले गये थे परिजन

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बैतूल-कोल्ड्रिफ कफ सिरप से जिले के आमला ब्लॉक में दो बच्चों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि अभी स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है। फिलहाल सीएमएचओ ने चार सदस्यीय दल गठित कर विस्तृत जांच करने के निर्देश जारी कर दिए है।

यह दल इस मामले की पूरी जांच करेगा। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आमला विकासखंड के कलमेश्वरा और जामुन बिछुआ गांव के दो बच्चे, कबीर पिता कमलेश (4) और गर्मित पिता निखलेश (ढाई साल) गंभीर किडनी समस्या से पीड़ित हुए थे। बताया जा रहा है कि इन बच्चों को बुखार आने के बाद इलाज के लिए परासिया ले जाया गया था, जहां उनकी तबीयत और बिगड़ गई। परिजनों के अनुसार कबीर को डॉ. प्रवीण सोनी ने प्रिस्क्रिप्शन में कोल्ड्रिफ  कफ सिरप लिखी थी। अब जिला प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुटा हुआ है। सीएमएचओ डॉ. मनोज हुरमाडे ने बताया कि बच्चों को उपचार के लिए छिंदवाड़ा जिले के परासिया ले गये थे, जिसमें से एक बच्चे की मौत भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हुई है, वहीं दूसरे बच्चे को एम्स में भर्ती करवाया गया था, जहां से परिजन बच्चे को लेकर मामा के घर लादी लेकर गये थे, जहां उसकी मौत हो गई थी।

छिंदवाड़ा में 10 बच्चों की मौत इस कफ सिरप के सेवन से होने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसकी बिक्री को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है और कोल्ड्रिफ कफ सिरप को जप्त करने के लिए छापामारी अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने मप्र शासन के अनुरोध पर तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित कंपनी के परिसर से नमूने लेकर जांच करवाई थी, जिसकी शनिवार सुबह रिपोर्ट आने पर सिरप के नमूने अमान्य पाये गए, जिसके बाद तत्काल इस पर कार्यवाही करते हुए पूरे प्रदेश में सिरप के विक्रय को प्रतिबंधित कर दिया गया और मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य स्तर पर इस मामले में संयुक्त जांच टीमें बनाकर छापामारी अभियान चलाया जा रहा है। मप्र के अलावा राजस्थान एवं पुडुचेरी में भी इस पर प्रतिबंध लगाया गया है।


  आमला ब्लॉक के बच्चों के सिरप पीने से मौत का मामला सामने आने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बैतूल डॉ. मनोज कुमार हुरमाडे ने जिले के सभी निजी मेडिकल स्टोरों और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों को सतर्कता के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि कई लोग पंजीकृत चिकित्सकों के पर्चे लिए बिना कफ सिरप सहित अन्य औषधियां खरीदते हैं। मेडिकल संचालकों को केवल पंजीकृत चिकित्सकों द्वारा निर्धारित की गई औषधियां और सिरप ही नागरिकों को देना चाहिए। सीएमएचओ डॉ. हुरमाडे  ने नागरिकों से अपील की है कि वे भी सावधानी बरतें और किसी भी दवा या सिरप का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें। उन्होंने औषधि निरीक्षक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे भी अपने स्तर पर औषधि वितरण की प्रक्रिया की निगरानी करें और किसी भी स्थिति में अप्रमाणित या संदिग्ध गुणवत्ता की दवाइयां न बिके, यह सुनिश्चित करें।

इनका कहना है –  
– आमला विकासखंड के दो बच्चों का इलाज छिंदवाड़ा जिले के परासिया में एक निजी चिकित्सक द्वारा किया गया था। दोनों बच्चों की मौत के पीछे खांसी सिरप का सेवन होने की पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है। मैंने चार सदस्यीय जांच दल बनाकर वहां भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि बच्चों की मौत के पीछे क्या कारण है।  
– डॉ. मनोज हुरमाडे, सीएमएचओ, बैतूल

– अभी इस मामले में सीएमएचओ ने टीम गठित कर जांच के लिए आदेश जारी किए है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही हम कुछ बता पाऐंगे।
– डॉ. अशोक नरवरे, बीएमओ, आमला

ने कहा- दोनों बच्चों का इलाज बैतूल में नहीं हुआ, जिले में कोल्ड्रिफ सिरप का विक्रय नहीं

बैतूल। आमला विकासखंड में निवासरत दो बच्चों की मृत्यु कोल्ड्रिफ सिरप से होने की खबरें प्रसारित की जा रही हैं। इस संबंध में कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया है कि दोनों बच्चों का इलाज बैतूल जिले के किसी भी शासकीय या निजी अस्पताल में नहीं हुआ है और जिले में कोल्ड्रिफ सिरप का विक्रय भी नहीं पाया गया है। कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने बताया कि ग्राम कलमेश्वरा निवासी बालक कबीर (4 वर्ष) पिता कैलाश और ग्राम जामुन बिछुआ निवासी गर्भित (ढाई वर्ष) पिता निखिलेश का इलाज बैतूल जिले में नहीं हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बालक कबीर की मृत्यु अन्य जिले में, जबकि गर्भित की मृत्यु छिंदवाड़ा जिले के परासिया में इलाज के बाद उसके रिश्तेदार के घर ग्राम लादी (विकासखंड आमला) में हुई है। दोनों बच्चों की मृत्यु 8 सितंबर और 1 अक्टूबर 2025 को हुई थी। उन्होंने बताया कि अब तक जिले के स्वास्थ्य विभाग, पुलिस या प्रशासन को कोल्ड्रिफ सिरप से किसी की मृत्यु की कोई सूचना या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कलेक्टर सूर्यवंशी ने कहा कि मेडिकल टीम द्वारा किए गए निरीक्षण में पाया गया कि बैतूल जिले में कोल्ड्रिफ सिरप का विक्रय नहीं हो रहा है और न ही मेडिकल स्टोर में यह सिरप उपलब्ध हैं।  मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों बच्चों का प्राथमिक उपचार परासिया (जिला छिंदवाड़ा) के डॉ. प्रवीण सोनी द्वारा किया गया था। बच्चों की मृत्यु का अब तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है और अभिभावकों ने भी प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी है। कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने यह भी बताया कि आमला क्षेत्र के ग्राम छिंदवाड़ा जिले के परासिया के समीप स्थित है, जिसके कारण वहां के लोग उपचार के लिए परासिया का रुख करते हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला बैतूल जिले से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित नहीं है, फिर भी मृतक बच्चे बैतूल निवासी होने के कारण पूरी संवेदनशीलता से जांच की जा रही है।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को गाइडलाइन का गंभीरता से पालन करने और कफ सिरप संबंधी जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए हैं।

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