मुलताई- श्रावण सोमवार के दिन सुबह से ही नगर के शिवालयों में श्रद्धालु भक्तों का ताता लगा रहा नगर के तप्तेश्वर मंदिर, चिंतेस्वर मंदिर, एवं ज्ञानेश्वर मंदिर में पूजन पाठ का दौर चलता रहा
ताप्ती तट पर स्थित तप्तेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग की अपनी मान्यता है माना जाता है कि यह शिवलिंग बालू का बनाया गया था जिसकी रचना ब्रह्मा जी द्वारा की गई है यही कारण है कि श्रावण मास में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। मासोद रोड पर स्थित ज्ञानेश्वर शिव मंदिर में 7 ब्राह्मणों द्वारा अति रूद्र पाठ चल रहा है। सोमवार के दिन पंचामृत से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया गया,
बेलपत्र भोलेनाथ पर चढ़ाकर शहस्त्र वाचन पाठ किया जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ने भाग लिया। ज्ञानेश्वर मंदिर में महाकाल की तर्ज पर प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ को अनेकों आकर्षक रूप में सजाया जाता है। भगवान ज्ञानेश्वर को प्रतिदिन नया रूप दिया जा सके इसके लिए पंडित संजय जोशी, पंडित दीपक व्यास, पंडित ललित चौबे, निलेश जोशी विधिपूर्वक भगवान भोलेनाथ का सिंगार कर रहे हैं ।

श्रावण मास में भगवान ज्ञानेश्वर का रूप देखने बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंच रहे हैं मंदिर से जुड़े कृष्णा धोटे ने बताया कि अति रूद्र पाठ 7 ब्राह्मणो द्वारा किया जाता है भगवान भोलेनाथ का तीन बार अभिषेक किया जाता है यह अभिषेक पंचामृत केसर अष्टगंध के द्वारा किया जाता है संपूर्ण श्रावण मास में 30 दिन शृंगार आरती एवं भोजन प्रसादी का आयोजन किया जाता है।

ग्राम हेटी से पैदल कावड़ लेकर ताप्ती तक पहुंचे कांवडिए
मुलताई में श्रावण मास के पहले सोमवार को शिवभक्ति का विशेष माहौल देखने को मिला। ग्राम हेटी से दर्जनों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकले। भक्तगण पैदल चलकर 12 किलोमीटर की दूरी तय कर मुलताई पहुंचे।श्रद्धालु ताप्ती नदी से जल लेकर वापस अपने गांव लौटेंगे। जहा ताप्ती जल से भोलेनाथ का अभिषेक करेंगे, कंधों पर कांवड़ और हर-हर महादेव के जयकारों के साथ कावड़ यात्री 24 किलोमीटर की पैदल यात्रा करेंगे।
————————————————————————————————————————–