पानी की खराबी से होने वाली बीमारियां फिर उठाने लगी सर,
मुलताई- पवित्र नगरी में जल जनित बीमारियों का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है विशेष तौर से नगरीय क्षेत्र में बढ़ती हेपेटाइटिस ए मरीजों की संख्या चिंता का विषय है।
मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी प्रतिदिन 250से 300 के पार पहुंच रही है। इसमें से पानी की खराबी के कारण होने वाली बीमारियों के मरीजों की संख्या आधा सैकड़ा के पार बताई जा रही है। नगर के निजी अस्पतालों में इलाज करने वाले मरीजों की संख्या इससे कई अधिक है और इतने ही मरीज नगर से बाहर जाकर इलाज करा रहे हैं। नगर के प्रमुख क्रिश मेमोरियल हॉस्पिटल मे बीते 20 दिनों में दो दर्जन से अधिक हेपेटाइटिस ए के मरीज भर्ती हुए हैं किंतु अभी भी हेपेटाइटिस ए के मरीज आने का सिलसिला थमा नहीं है।
पल्लू अग्रवाल बताते हैं कि हेपेटाइटिस बीमारी के चलते मेरी बेटी को क्रिश हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा, गांधी चौक में ही हेपेटाइटिस ए के मरीजों की संख्या एक दर्जन के लगभग पहुंच गई है ।कुछ स्थानीय निजी अस्पतालों में उपचार कर रहे हैं तो कुछ इलाज के लिए बाहर जा रहे हैं। पिछले दिनों उल्टी दस्त के प्रकोप के बाद प्रशासन सजग हुआ था पानी की जांच की गई थी किंतु कुछ दिन बाद मामला ठंडा हो गया और पानी की खराबी से होने वाली बीमारी के मरीजों की संख्या फिर बढ़ने लगी है। नगर प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।

कितनी गंभीर है हे पेटाइटिस ए बीमारी और क्या है इसके लक्षण
क्रिश मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर अभिलाष कविटकर एमडी मेडिसिन हेपेटाइटिस ए के संबंध में बताते हैं कि समय पर उपचार न करने पर यह बीमारी बहुत गंभीर भी हो सकती है। अभी हमारे पास जो मरिज रहे हैं उनका एसजीओटी (SGOT), एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज एवं एसजीपीटी, एएलटी (एलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज) जो 25 से 40 के बीच होना चाहिए वह 250 से 400 के बीच होता है और उसके 1 दिन बाद 1200 तक पहुंच जाता है।

यह एक गंभीर स्थिति दर्शाता है। हेपेटाइटिस ए लीवर इंफेक्शन है जो दूषित जल एवं दुषित भोजन सेवन से होता है। इसमें उलटी, कमजोरी, बुखार, भूख न लगना, पीलीया जैसे लक्षण दिखाई देते हैं उचित इलाज करने पर यह दो सप्ताह में ठीक हो जाता है किंतु मरीज को सही समय पर उचित इलाज न मिलने पर मरीज अपना मानसिक संतुलन खोने लगता है और उसे भरम होने लगता है लिवर फेल भी हो सकता है और और बीमारी के इस हद तक बढ़ जाने पर मध्यम परिवार के व्यक्ति के लिए इलाज करना संभव नहीं रह जाता इसलिए समय पर उचित इलाज आवश्यक है।

झोलाछाप डॉक्टर बने मुसीबत
मुलताई क्षेत्र में फैल रहे झोलाछाप डॉक्टर जो विभिन्न पैथ की फर्जी डिग्री प्राप्त कर एलोपैथ इलाज कर रहे हैं आम नागरिकों के लिए बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं और इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला तथ्य है कि इन झोला छापो पर गलत इलाज से मौत तक के आरोप लगने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करते दिखाई नही देता।वर्तमान में हेपेटाइटिस निरंतर बढ़ रहा हैं और जब वह इन झोलाछाप के पास जाते हैं तो वह मर्ज को जाने बगैर उटपटांग इलाज करते रहते हैं जिससे मरीज की हालत मैं सुधार के बजाय और बिगड़ जाती है और समय पर उचित इलाज न होकर गलत इलाज से मर्ज बढ़ जाता है जिसका खामियाजा मरीजो को महीनो बड़े अस्पतालों में एडमिट रहकर और लाखों रुपए बर्बाद करके चुकाना पड़ता है।
इनका कहना
हेपेटाइटिस ए पानी की खराबी से होने वाली बीमारी है पवित्र नगरी में बीते 20 दिनों से इनके मारीजो की संख्या निरंतर बढ़ रही है जो की चिंता का विषय है। अब तक दो दर्जन से अधिक मरीज हमारे हॉस्पिटल में एडमिट हो होने के बाद स्वस्थ होकर के घर जा चुके हैं कुछ अभी एडमिट है ।
डॉक्टर अंकुश भार्गव
संचालक क्रिश मेमोरियल हॉस्पिटल मुलताई
नगर में सप्लाई होने वाले पेयजल की शुद्धता बनी रहे इसके लिए हरदौली जल प्लांट एवं नगर के पंप हाउस पर प्रतिदिन टीडीएस एवं पीएच वैल्यू टेस्ट होता है। फिर भी पेयजल की शिकायत आती है तो हम जांच करेंगे।
योगेश अनेराव
उप यंत्री नगर पालिका मुलताई

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