धार्मिक पवित्र नगरी मुलताई में हो वंदे भारत स्टॉपेज,

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ताकि आगामी समय में ट्रेन स्टॉप की मांग को लेकर आंदोलन चलाया जा सके। वंदे भारत का ताप्ती नगरी में स्टॉपेज की मांग को लेकर नागरिकों का तर्क यह है कि मध्य प्रदेश में वंदे भारत नौ स्टेशनों पर रूकती है जिसमें से नर्मदा पुरम, खजुराहो और उज्जैन तीन शहरो को रेलवे ने वंदे भारत स्टॉपेज धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल होने के कारण दिया है। इटारसी से नर्मदा पुरम की दूरी मात्र 20 किलोमीटर है और वंदे भारत ट्रेन इटारसी और नर्मदा पुरम दोनों स्थानों पर रूकती है।

इंदौर से निकलने वाली वंदे भारत ट्रेन उज्जैन, भोपाल, नर्मदा पुरम, इटारसी और बैतूल के बाद नागपुर रूकती है। अगर वंदे भारत को इटारसी के बाद मां नर्मदा की पवित्र नगरी नर्मदा पुरम में मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्टॉपेज दिया जा सकता है तो बैतूल से 50 किलोमीटर की दूरी और नागपुर से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की पवित्र ताप्ती उद्गम स्थली को वंदे भारत का स्टॉपेज क्यों नहीं दिया जा सकता।

महेश पाठक, हाजी शमीम, संजय यादव, डॉक्टर कृष्णा धोटे, पूर्व पार्षद हनी खुराना बताते हैं कि मुख्यमंत्री मनमोहन सरकार प्रदेश के 17 धार्मिक स्थलों के विकास के लिए ठोस कार्य योजना बनाकर क्रियान्वयन प्रारंभ करने जा रही है। जिसमें ताप्ती उद्गम स्थल एवं पवित्र नगरी मुलताई भी शामिल है। हाल ही में मोहन सरकार ने पवित्र नगरी मुलताई में शराब बंदी, विश्व की सबसे बड़ी जल संवर्धन पारा, ताप्ती मेघा रिचार्ज परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।

ताप्ती को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए है किंतु मुलताई धार्मिक नगरी का विकास तब तक संभव नहीं है जब तक इसे सुलभ आवागमन माध्यमों से नहीं जोड़ा जाएगा। धार्मिक नगरी होने के बावजूद ट्रेन स्टॉपेज को लेकर मुलताई कि हमेशा ही उपेक्षा हुई है और अनेको लंबे आंदोलन भी हुए हैं किंतु नतीजा सिफर ही रहा। हाल ही में मुलताई रेलवे स्टेशन को अमृत भारत रेलवे स्टेशन घोषित कर इसका विकास कार्य प्रारंभ हो गया है

किंतु जब मुलताई नगर को ट्रेन स्टॉपेज नहीं मिलेंगा इस विकास का औचित्य खोजना कठिन हो जाएगा। नगर के जागरूक नागरिकों ने मुलताई में वंदे भारत एवं अन्य प्रस्तावित ट्रेनो का स्टॉपेज हो इसके लिए सामाजिक संगठनों से राय मांगी है ताकि आगामी समय में इसको लेकर जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जा सके और विधिवत आंदोलन चलाया जा सके।

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