शा. हिंदी, उर्दू शाला से फिर हटाई गई उर्दू शिक्षिका,बगैर उर्दू शिक्षक के वर्षों से चल रहा है उर्दू स्कूल,

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स्कूल से जुड़े जनप्रतिनिधियों के 3 साल के संघर्ष एवं भाजपा विधायक चंद्रशेखर देशमुख के प्रयासों के बाद शासकीय हिंदी/ उर्दू माध्यमिक विद्यालय मे पदस्थ की गई उर्दू शिक्षिका को विकासखंड शिक्षा अधिकारी के आदेश से उर्दू हिंदी स्कूल से हटकर वापस प्रभात पट्टन शाला में पदस्थ कर दिया गया है। 

एक बार फिर जिले का एकमात्र हिंदी उर्दू विद्यालय बगैर उर्दू शिक्षक के चल रहा है जिसको लेकर पालकों में भारी रोष है । स्कूल से जुड़े जनप्रतिनिधि और पालकों को कहना है कि जब उर्दू स्कूल में उर्दू शिक्षक ही नहीं है तो हम अपने बच्चों का दाखिला इस स्कूल में करा कर बच्चों का भविष्य क्यों खराब करें,

हमने अनेकों बार उर्दू शिक्षक की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया, वरिष्ठ अधिकारियों से बात की,  जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से लेकर बीआरसी तक ने आश्वासन दिया की अब उर्दू स्कूल में उर्दू शिक्षक की कमी नहीं होने दी जाएगी किंतु एक बार फिर उर्दू स्कूल से उर्दू शिक्षक हटाकर उर्दू स्कूल में उर्दू शिक्षक की कमी यथावत बना दी गई है।

विधायक ने कहा शीघ्र होगी उर्दू शिक्षक की नियुक्ति

उर्दू हिंदी स्कूल प्रारंभ करने से लेकर अब तक इस स्कूल को आरंभ रखने के प्रयास में जुटे हाजी सलीम खान ने विधायक चंद्रशेखर देशमुख के निवास पर पहुंचकर उन्हें हिंदी उर्दू स्कूल के शिक्षक की नियुक्ति के संबंध में चर्चा की उन्हें स्कूल की समस्या से अवगत कराने के बाद हाजी सलीम खान ने बताया कि विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने आश्वासन दिया है

कि शीघ्र ही मुलताई हिंदी उर्दू स्कूल में उर्दू शिक्षक पदस्थ किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि शासकीय उर्दू हिंदी स्कूल में बीते 3 वर्षों से उर्दू शिक्षक की पोस्टिंग नहीं हुई है इसके बाद विधायक चंद्रशेखर देशमुख के प्रयासों से 27 सितंबर 2024 को पट्टन में पदस्थ उर्दू शिक्षिका फरहत अली को मुलताई हिंदी उर्दू स्कूल में संलग्नीकरण किया गया था जो वर्तमान में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के आदेश से निरस्त कर दिया गया।

विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने समस्त शाला प्राचार्य एवं संकुल प्राचार्य को संलग्नीकरण  निरस्ती के निर्देश देते हुए यह सुनिश्चित करने का कहा है कि आपकी शाला में शिक्षक संलग्नीकरण की स्थिति न बनी रहे। समस्त शाला प्रमुखों को लिखे गए इस पत्र का उल्लेखनीय पहलू यह है कि इस संबंध में  शासकीय हिंदी उर्दू शाला प्रधान पाठीका को उक्त सामान्य पत्र के साथ अलग से नोट  में लिखा गया है  कि वह उर्दू शिक्षिका फरहत अली को पत्र तामिल कराकर पावती लेवे।

इनका कहना

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