मुलताई -रक्षाबंधन के दूसरे दिन परंपरागत रूप से मनाया जाने वाला भुजलिया पर्व हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया महिलाओं ने गेहूं का ज्वारा जिसे भुजलिया कहा जाता है का धार्मिक रीति रिवाज के साथ पूजन पाठ कर शनि सरोवर में विसर्जन किया।
इस अवसर पर प्रतिवर्ष अनुसार अनेक अखाड़े निकले गए जिसमें शामिल खिलाड़ियों ने अनेक आश्चर्यचकित कर देने वाली कलाओं का प्रदर्शन किया। भुजलिया पर्व पर नगर पालिका द्वारा शनि सरोवर में भुजलिया विसर्जन की व्यवस्था की गई थी विसर्जन स्थल पर नगर पालिका के कर्मचारियों को तैनात किया गया था। ताप्ती सरोवर पर भी सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। भुजलिया के कार्यक्रम को देखते हुए नगर के मध्य से गुजरने वाले मुख्य मार्ग का आवागवन प्रतिबंधित करके बाईपास कर दिया गया है।
जय बजरंग अखाड़े के युवकों ने दिखाएं हेरतअंगेज करतब
नगर में भुजलिया पर्व पर प्रतिवर्ष निकलने वाले नवयुवक जय बजरंग अखाड़ा साहू समाज समिति के खिलाड़ियों ने नगर के चौक चौराहों पर हेरतअंगेज करतब दिखाए जिसमें विशेष रूप से अखाड़े में शरिर पर से भारी बाइक उठाना, नुकीली कीलों पर लेटकर छाती पर से मोटर सायकल गुजारना, सिर पर टयूब लाईट फोड़ने, 1 किन्टल का शरीर पर पत्थर रखकर फोडना, आग में से निकलना तलवार बाजी, लाठी भाला घुमाना,
शरीर पर टूय्बलाईट फोडना, भारी वाहन खिचना, टाइल्स फोड़ना, हाथो से नारियल फोड़ाना, मुह से आग निकालना, पट्टा शरीर पर से निकालना व अन्य अखाड़े के खिलाड़ियों ने अपनी कला का सार्वजनिक प्रदर्शन किया जिसमें लाठी, तलवार, भाला आदि शस्त्रों से अभ्यास प्रदर्शन शामिल है। अखाड़े के सदस्य ने बताया गया कि आजादी के उपलक्ष्य में सन् 1947 से प्रारंभ हुए प्राचीन नवयुवक बजरंग अखाड़ा की समिति द्वारा सतत 78वर्ष से नागपंचमी के पर्व पर विधि-विधान से शस्त्र पूजन के साथ अखाड़ा का अभ्यास प्रारंभ किया जाता है ।