मुलताई :- पवित्र नगरी में घर घर में विराजे पार्वती नंदन गजानन गणेश का विसर्जन हो गया। बुकाखेड़ी बांध में बीते 2 दिनों में 638 से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
जिसमें उल्लेखनीय पहलू यह है की लोग स्वयं अपने साधनों से बड़ी संख्या में प्रतिमाओं को लेकर बुकाखेड़ी बांध पहुंचे। हालांकि नगर पालिका ने ताप्ती तट से प्रतिमाओं को बुकाखेड़ी बांध तक ले जाने की व्यवस्था कर रखी थी जिसके माध्यम से लगभग 48 प्रतिमाएं बांध तक पहुंचाई गई।जहां पूरे विधि विधान के साथ विघ्नहर्ता गणेश का विसर्जन किया गया। नगर पालिका ने ताप्ती तट लाइब्रेरी पर कार्यालय बनाकर प्रतिमाओं को जमा करने की व्यवस्था कर रखी थी जहां से 5 ट्रैक्टरों के माध्यम से नगरपालिका के साधनों से भी प्रतिमाएं बांध तक पहुंचाई गई ऐसी प्रतिमाओं की संख्या लगभग 48 थी।
ताप्ती जल को प्रदूषण से बचाने की मंशा से 10 वर्ष पूर्व बुकाखेड़ी बांध में प्रतिभाओं का विसर्जन प्रारंभ किया गया था तब इसको लेकर अनेक शंकाएं थी किंतु नागरिकों के सहयोग से अब विसर्जन स्थल पर अलग ही धार्मिक माहौल होता है। एक साथ कतार में प्रतिमाओं की होती आरती, शंख की ध्वनि और लगते जय कारे, अलग ही वातावरण में ले जाते हैं। नगर पालिका ने इस वर्ष जहां ताप्ती तट पर लगभग 12 कर्मचारी तैनात कर रखे थे वहीं बुकाखेड़ी बांध पर 10 गोताखोर क्रेन की व्यवस्था लाइटिंग व्यवस्था के साथ ही नाव की व्यवस्था भी कर रखी थी।
सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम
विसर्जन स्थल बुकाखेड़ी बांध पर सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए है । पुलिस कर्मी दिनेश बर्डे एवं विशाल चौरसिया ने बताया कि लगभग 20 पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है इसके साथ ही 10 कोटवार भी निरंतर सुरक्षा व्यवस्था निर्माण में सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
विसर्जन में लगी है 10 गोताखोरों की टीम
मुलताई नगर पालिका कर्मचारी अर्जुन पिपले ने बताया कि बताया कि मूर्ति विसर्जन मे किसी को दिक्कत ना हो इसके व्यापक इंतजाम किए गए है सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए नाविक की टीम लगाई गई है । इसके साथ ही दिन और रात मिलाकर 10-10 गोताखोरों की टीम लगाई गई है राजस्व और नगर पालिका के कुल 20 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। पार्किंग व्यवस्था के साथ ही आरती स्टाल बनाए गए हैं। जहां जगह-जगह कर्मचारी तैनात है विसर्जन के दिशा निर्देश माइक से निरंतर लोगों को दिए जा रहे हैं। इसमें सभी के सहयोग से यह कार्य पूर्ण हो पाया है।
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