मुलताई। दो दशक के लंबे इंतजार के बाद ताप्ती सरोवर एवं शनि सरोवर के मध्य स्थित सुलूश गेट का अब नवनिर्माण होने जा रहा है। नगर पालिका द्वारा इसके पुनर्निर्माण की सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर टेंडर जारी कर दिए हैं।
गेट का निर्माण 17 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा तथा ठेकेदार को यह कार्य डेढ़ माह की अवधि में पूर्ण करना होगा। माना जा रहा है कि वर्षों से खराब पड़े ताप्ती सरोवर सुलूश गेट का नवनिर्माण होने से कुंड से होने वाले जल रिसाव की समस्या समाप्त हो सकेगी और ताप्ती सरोवर का जलस्तर निरंतर बना रहेगा। उल्लेखनीय है कि गजानन मंदिर के समीप स्थित ताप्ती सरोवर को छोटे तालाब से जोड़ने वाला सुलूश गेट लंबे समय से जर्जर अवस्था में है, जिसके कारण सरोवर का जल रिसाव होता रहता है और जलस्तर समय से पूर्व घट जाता है। नगरवासी लंबे समय से इसके नवनिर्माण की मांग करते आ रहे हैं।
सुलूश गेट के ऊपर बनी पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। पुलिया के नीचे लगे लोहे के सरिए उखड़ चुके हैं, जिससे यह वर्षाकाल के दौरान गंभीर संकट का कारण बन सकती है। जागरूक नागरिकों की मांग पर सिंचाई विभाग एवं ओएडम विभाग के अधिकारियों द्वारा कई बार इस पुलिया एवं सुलूश गेट का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान क्षतिग्रस्त गेट को गंभीर स्थिति में बताते हुए इसके पुनर्निर्माण की अनुशंसा की गई थी, किंतु योजना लंबे समय तक परवान नहीं चढ़ सकी। इससे नागरिकों की चिंताएं लगातार बढ़ती रहीं।
हालांकि लंबे इंतजार के बाद अब सुलूश गेट के नवनिर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। अनुमान है कि आगामी दो माह के भीतर टेंडर प्रक्रिया, अनुबंध एवं निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

पहली बार नहीं मिला ठेकेदार, दूसरी बार जारी किया गया टेंडर
मुलताई नगर पालिका ने ताप्ती सरोवर सुलूश गेट निर्माण का एस्टीमेट काफी पहले तैयार कर लिया था। इसमें सिंचाई विभाग के वर्तमान कार्यपालन यंत्री सी.एल. मरकाम एवं सेवानिवृत्त उपयंत्री सी.बी. पाटेकर का भी सहयोग लिया गया। उनके मार्गदर्शन में गेट का एस्टीमेट तैयार किया गया। मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के अंतर्गत 17 लाख रुपये की लागत से बनने वाले सुलूश गेट के नवनिर्माण की निविदा नगर पालिका द्वारा एक माह पूर्व जारी की गई थी, लेकिन किसी भी ठेकेदार ने इसमें भाग नहीं लिया।

इसके चलते हाल ही में नगर पालिका ने दूसरी बार निविदा आमंत्रित की है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ठेकेदार को यह कार्य 45 दिनों की अवधि में पूरा करना होगा।
धार्मिक आस्था के प्रतीक एवं जल स्रोतों के आधार है ताप्ती एवं शनि सरोवर,
ताप्ती एवं शनि सरोवर जहां धार्मिक आस्था का केंद्र है वही मुलताई क्षेत्र के जल स्रोतों का आधार भी ताप्ती एवं शनि सरोवर का जलस्तर घटने के साथ ही मुलताई क्षेत्र के 5 किलोमीटर के एरिया में स्थित सभी जल स्रोतों का जल स्तर भी घटने लगता है यही कारण है कि जब वर्षा काल में ताप्ती सरोवर ओवरफ्लो होता है

क्षेत्र में उत्सव का माहौल होता है क्योंकि यह पर्याप्त वर्षा एवं जल स्रोतों में वापस जल संग्रह हो जाने का संकेत भी माना जाता है। बीते कुछ वर्षों से ताप्ती सरोवर का जल स्तर अपेक्षाकृत तेजी से घट रहा है जिसके रोकथाम के लिए सुलूश गेट का नव निर्माण प्रथम कदम है किंतु इसके साथ ही सरोवर के अन्य स्रोतों को भी सुधारा जाना चाहिए।
इनका कहना
“ताप्ती सरोवर सुलूश गेट का नवनिर्माण 17 लाख रुपये की लागत से किया जाना है। पहली बार ठेकेदारों द्वारा भाग न लेने के कारण नगर पालिका ने दूसरी बार निविदा आमंत्रित की है।”
— महेश शर्मा, उपयंत्री, नगर पालिका मुलताई
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