15 दिन की वर्षा के बाद भी खाली पड़ी सिंचाई परियोजनाएं,

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  • 43 छोटे बांधों में हुई मात्र दो प्रतिशत जल आवक,
  • 5 मध्य सिंचाई परियोजना( बड़े बांध)
  • सबसे कम 13.30 प्रतिशत निरगुड़,
  • सबसे अधिक पारसढ़ोह बांध 69.96% प्रतिशत
  • मुलताई- पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण एक सप्ताह की बरसात में ओवरफ्लो हो जाने वाली मुलताई क्षेत्र की मध्य एवं लघु सिंचाई परियोजनाए इस वर्ष 15 दिनों की वर्षा के बाद भी खाली पड़ी है। जिसने सिंचाई विभाग और क्षेत्र के किसानो की नींदें उड़ा दी है। मुलताई क्षेत्र में 15 दिनों से निरंतर वर्षा हो रही है किंतु रिमझिम बरसात के चलते जहां बांधों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। वही फसलों की स्थिति भी बिगड़ने लगी है कीड़े और इंल्लीयों ने फसलों को नुकसान पहुंचाना प्रारंभ कर दिया है।
  • ताप्ती सरोवर की अब भी खाली है चार से अधिक सीढ़ियां
  • पिछले वर्ष ताप्ती सरोवर अब तक अनेक बार ओवरफ्लो हो गया था किंतु इस वर्ष अब तक ताप्ती सरोवर अपनी जल संग्रह क्षमता को छू नहीं पाया है ।सरोवर  की अब भी 4 से अधिक सीढ़ियां खाली है। ताप्ती सरोवर को अच्छी वर्षा का सूचक माना जाता है।  यह सरोवर नगरीय क्षेत्र के जल स्रोतों का आधार भी है यही कारण है कि जब ताप्ती सरोवर ओवरफ्लो होता है नगर में जश्न का माहौल होता है। किंतु इस वर्ष लंबी वर्ष के बावजूद भी ताप्ती एवं शनि सरोवर जल आवक का इंतजार कर रहे है ताकि अपनी सीमाओं को लांघकर अपनी गंतव्य की ओर निकल सके।
  • 43 लघु सिंचाई परियोजनाओं में मात्र 2%  जल आवक
  • क्षेत्र की पांच प्रमुख मध्य सिंचाई परियोजना तो ठीक है किंतु क्षेत्र की 43 लघु सिंचाई परियोजनाओं ने चिंताएं बढ़ा दी है। अब तक कुल 43 लघु सिंचाई परियोजनाओं में मात्र 2% ही जलावक हो पाई है।  घाट पिपरिया छोटा बांध  इन लघु सिंचाई परियोजनाओं में अपवाद है जो की फुल टैंक हो गया है और ओवरफ्लो हो रहा है।
  • मध्य सिंचाई परियोजना में 13% से लेकर अधिकतम 69% जल आवक
  • मध्य सिंचाई परियोजना सबसे कम 13.30 प्रतिशत निरगुड़,सबसे अधिक
  • इसके अलावा मध्यम सिंचाई परियोजनाओं की बात करें तो निरगुण बांध  13.30%, चांदोरा बांध 21. 34 प्रतिशत, बुडाला मध्यम सिंचाई परियोजना 15.25% प्रतिशत जल की आवक हो सकी है। वर्धा माध्यम  परियोजना की बात करें तो यहां आशा जनक जलावक हुई है 48.86% एवं पारसढ़ोह बांध 69.96% प्रतिशत जल आवक हुई है।
  • इनका कहना
  • लघु सिंचाई परियोजनाओं में इस वर्ष मात्र 2% जल आवक हुई है पिछले वर्ष की तुलना में कम है चिंता का विषय तो है किंतु अभी समय है। सिंचाई विभाग सभी परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं अमला अलर्ट पर है।
    • सी. एल .मरकाम
    • एसडीओ जल संसाधन विभाग मुलताई

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