रिमझिम बरसात से बड़ी किसानो की चिंताएं,ताप्ती वार्ड में भरा पानी, कच्चे मकान की दीवारे ढ़ही,

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वही ग्रामीण क्षेत्रों में भी रिमझिम वर्षा के चलते अनेक कच्चे मकान ढ़ह  जाने की खबर है। किसान बताते हैं कि इस वर्ष फसल अच्छी जमी थी किंतु रिमझिम वर्षा के कारण इंल्लिया और कीटाणुओं ने फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। बीते 8 दिन से धूप नहीं निकली जिसके कारण फसल को और भी नुकसान हो रहा है ।

वर्तमान समय में फसल अच्छी हो इसके लिए यह आवश्यक है  तेज रफ्तार  वर्षा हो ताकि फसलों पर लगे कीड़े  किटकुल  गिर कर मर जाए और फिर धूप निकले तो फसल फिर लह लहाने लगे किंतु अब तक जिस तरीके से वर्षा हो रही है किसानों की चिंताएं फिर बढ़ गई है। किसान एवं समाजसेवी तकि उल हसन रिजवी बताते हैं कि कहने को एक सप्ताह से रिमझिम वर्षा हो रही है किंतु खेतों में दवाई के छिड़काव करने के लिए टैंकर से पानी डालना पढ़ रहा है वर्षा की स्थिति यही रही तो फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगी।

एक सप्ताह से निरंतर हो रही वर्षा ने ताप्ती वार्ड वासियों का जीना दूबर कर रखा है संपूर्ण वार्ड में जगह-जगह पानी भर गया है रास्ते जलमग्न हो गए हैं और लोगों के घरों में पानी घुस रहा है । ताप्ती वार्ड पार्षद निर्मला उबनारे बताती है कि अधिकारियों से अनेक बार आग्रह के बाद भी किसी ने वार्ड की सुध नहीं ली। नगर पालिका ने एक दो स्थान पर दो-तीन ट्राली बजरी डालकर इति श्री कर दी और पुरा वार्ड जलमग्न है। रोजमर्रा के कामकाज ठप हो गए हैं बच्चों का स्कूल जाना कठिन हो गया है। ताप्ती वार्ड में नाली बनाने के लिए चुना डाल दिया गया था किंतु उसके बाद काम बंद करके दूसरे वार्ड में नाली निर्माण चालू कर दिया गया वार्ड के कामों में भी कांग्रेस भाजपा के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है जो कि अनुचित है।उल्लेखनीय की नगर की जल भराव की समस्या को देखते हुए सिविर लाइन प्रोजेक्ट बनाया गया था 6 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए नगर की 25 करोड़ की सड़के तोड़ दी गई और ठेकेदार को पूरा भुगतान कर दिया गया ठेकेदार कार्य अधूरा छोड़कर लापता है। नेताओं ठेकेदारों और अधिकारियों की मिली भगत का  खामियाजा जनता  वर्षा काल में जल भराव की समस्या से चुका रही है।

  ग्राम अम्भोरी में ग्रामीण बाबूराव कंगाली का कच्चा मकान बना हुआ था। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण उनके घर की एक दिवाल अचानक से गिर गई। दिवाल गिरने से घर बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गया। घर में रखा ग्रहस्ती का सामान भी बर्बाद हो गया। बाबूराव ने बताया की जैसे तैसे वे खेती मजदूरी करके अपना घर चलाते थे। घर कच्चा मिट्टी का बना हुआ था। लगातार बारिश से दिवाल गीली हो गई और भरभरा कर गिर गई। गनीमत रही की इसकी चपेट में कोई नही आया।

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