मुलताई – नगर के ऐतिहासिक रामलीला मंच पर बीती रात, रात भर राम रावण युद्ध चलता रहा और सुबह तक रामलीला का मंचन भी चलता रहा, जिसे देखने के लिए पूरी रात दर्शक भी बैठे रहे । सुबह भगवान राम ने राम बाण से रावण का वध किया, नारायण तक रावण वध के उपरांत लक्ष्मण शिक्षा की लीला का सुंदर मंचन किया गया और इसके उपरांत गांधी चौक में रावण के पुतले का दहन किया गया। अब नगर की ऐतिहासिक रामलीला का राजतिलक के बाद रामलीला का समापन होगा। पवित्र नगरी में 120 वर्षों से निरंतर हो रही रामलीला की विशेषता यह है कि
जहां संपूर्ण देश में रामलीला का समापन दशहरे पर होता है ,वही नगर में रामलीला का आरंभ दशहरे से होता है और दीपावली तक 15 दिनों तक चलता है। रावण वध एवं भगवान राम के राजतिलक बाद ,रामलीला का समापन होता है। बीती रात नारायण तक एवं रावण वध की लीला का पूरी रात मंचन किया गया।,नारायण तक के वध के उपरांत सुबह रावण का वध हुआ राम ने मरणासन्न रावण के पास लक्ष्मण को शिक्षा ग्रहण करने भेजा किंतु रावण ने लक्ष्मण से कुछ नहीं कहा, जिस पर भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा कि रावण एक विद्वान प्रगाढ़ पंडित भी था जिनसे शिक्षा ग्रहण करने के लिए, शीश के स्थान पर चरणों की ओर जाओ, जब लक्ष्मण रावण के चरणों की और पहुंचे तो रावण ने सदाचार एवं राजनीति की शिक्षा दी।
आकर्षण का केंद्र होता है रामलीला में रावण का पाठ
संपूर्ण रामलीला में रावण का पाठ अत्यंत ही आकर्षक का केंद्र होता है और रामलीला के दर्शकों को भी इस पात्र के लीला मंच पर आगमन का इंतजार होता है बीते कुछ वर्षों से रावण का महत्वपूर्ण किरदार शिवा खंडेलवाल निभा रहे हैं। इससे पूर्व रावण का यह पाठ स्वर्गीय यशवंत बेलदार निभाते रहे हैं जिन्होंने लगभग 40 वर्षों तक नगर की रामलीला में रावण का पाठ किया उनका रामलीला के प्रति समर्पण और लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें संपूर्ण नगर में उनकी पात्र पहचान के रूप में ही देखा जाता था 70 से अधिक वर्षी की वायु में भी उनका रावण का किरदार और उसके असर को आज भी याद किया जाता है उनके स्वर्गवास के बाद रामलीला में इस महत्वपूर्ण पाठ को लेकर चिंताएं होने लगी थी किंतु शिवा खंडेलवाल ने ना सिर्फ इस कमी को पूरा किया बल्कि रावण के पाठ को नई ऊंचाइयों दी है ।अब उन्हें भी रावण का पाठ करते हुए 6 से अधिक वर्ष हो चुके हैं, रामलीला में रामायण चरित्र के रूप में उनका अभिनय आकर्षण का केंद्र होता है और दर्शक भी रामलीला में उनके आगमन का इंतजार करते हैं।
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