रखरखाव के अभाव में भविष्य तलाश रहा चंदोरा बांध,मुलताई सिंचाई डिवीजन समाप्ति की ओर

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मुलताई -विश्व बैंक की सहायता से करोड़ों की लागत से बनी क्षेत्र की प्रथम मध्यम सिंचाई परियोजना चंदोरा बांध रखरखाव के अभाव मे भविष्य तलाश रही है।

चंदोरा बांध के टॉप लेवल, अप पोर्शन एवं डाऊन पोर्शन में  बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई है और झाड़ियों ने पेड़ का रूप लेना प्रारंभ कर दिया  है। जानकारों का मानना है कि इन पेड़ों की जड़े बांध को नुकसान पहुंचा सकती है अनेक स्थान पर पिचिंग के पत्थर जगह छोड़ने लगे हैं। चंदोरा बांध का सबसे चिंता का विषय आर. डी. 610 से 840 के मध्य का वह भाग  है जो 31 जुलाई 1991 की सुबह फूट गया था जिसकी याद कर आज भी क्षेत्र के किसान सिहर उठते हैं। इस भाग में पुनर्निर्माण के एक दशक बाद भी दरारें आती रही और वर्षा काल के आते ही बांध के मुहाने पर बसे लोगों की बेचैनियां बढ़ जाती थी। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एल पी दुबे के अथक प्रयासों के बाद केंद्रीय सिंचाई वैज्ञानिक डॉक्टर थॉमस  ने चंदोरा बांध  का दौरा  कर सुधार कार्य सुझाए। ढ़हे  नए और पुराने भाग के जोड़ पर टोह वाल का निर्माण हुआ  एलपी दुबे के प्रयासों से चंदोरा बांध मे प्रथम बार जल संग्रह कर सिंचाई योग्य बनाया गया।

संवेदनशील बांध होने के कारण इसकी सतत मॉनिटरिंग की जा सके इसके लिए सेंटर स्पिलवे  तक लाइटिंग की व्यवस्था की गई थी जो वर्तमान में बंद है वर्षा काल में जहां सिंचाई विभाग को अलर्ट होना चाहिए वहां पर सिंचाई विभाग की लापरवाही गंभीर संकट हो सकती है। चंदोरा  निवासी राहुल नरवरे बताते हैं कि चंदोरा बांध हमारी जीवन रेखा है । वर्तमान बांध की स्थिति देखकर हमें चिंताएं होती है। बांध की रखरखाव के अभाव में स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही है और चिंता की बात यह है कि मुलताई सिंचाई विभाग कार्यालय में कोई सुनने वाला अधिकारी नहीं है। ग्रामीणों की समस्या यह है कि वह अपनी पीड़ा किसे बताएं।

मुलताई सिंचाई डिवीजन के अंतर्गत मुलताई, आमला, पट्टन, आठनेर चार उप संभाग आते हैं किंतु इतने महत्वपूर्ण सिंचाई डिवीजन में बीते तीन वर्षों से कार्यपालन यंत्री नहीं है। विपिन वामनकर एसडीओ को मुलताई कार्यपालिका यंत्री का प्रभार दिया गया है किंतु उनके पास भी  बैतूल डिवीजन का भी प्रभार है और वह जिला मुख्यालय बैतूल में ही रहते हैं । एसडीओ नाम न छापने की शर्तें बताते हैं कि कर्मचारियों के भी ट्रांसफर हो गए हैं डिस्पैच तक हम खुद को करना पड़ता है।

क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ाने को लेकर हमेशा गंभीर राजनीति करने वाले भाजपा विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने इस संबंध में कहा कि मुलताई में कार्यपालन यंत्र की नियुक्ति एवं इंजीनियरों की कमी को लेकर सिंचाई मंत्री को पत्र भी लिखेंगे और कल स्कूल लेकर भोपाल जा रहे हैं सिंचाई मंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलकर इस समस्या का हाल कराएगे।

इनका कहना
चंदोरा बांध की के सुधार कार्य के लिए सिंचाई विभाग द्वारा लगभग 18 करोड रुपए की एक योजना बनाई गई है जो प्रस्तावित है योजना स्वीकृत के बाद बांध का सुधार कार्य कराया जाएगा

शिवकुमार नागले उप यंत्री जल संसाधन विभाग मुलताई

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