युद्ध परिस्थितियों में सिविलियन कैसे रहे सजग,सिविल डिफेंस प्रशिक्षण सम्पन्न,

0

इस कार्यक्रम में लगभग 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।प्रशिक्षण का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों — जैसे प्राकृतिक आपदा, युद्ध या अन्य संकट — में आत्मरक्षा एवं समाज की सुरक्षा हेतु तैयार करना था।

बैतूल से पधारे एसडीआरएफ कार्यालय के अनुभवी दल ने दृश्य-प्रदर्शनों के माध्यम से समझाया कि किस प्रकार बचाव कार्य किए जाते हैं और कौन-सी सावधानियाँ आवश्यक होती हैं। इस कार्यक्रम में एसडीओ पुलिस एस.के. सिंह, थाना प्रभारी  देवकरण डहरिया,  एसडीएम अलका इक्का एवं एसडीआर एफ की प्लाटून कमांडर सुनीता पंद्रे विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

प्रशिक्षण में यह बताया गया कि भारत-पाकिस्तान जैसे अंतरराष्ट्रीय विवादों की गंभीरता को देखते हुए अब सिविलियनों को भी आपातकालीन परिस्थितियों के प्रति जागरूक और प्रशिक्षित करना आवश्यक हो गया है। इस दौरान कमांड की भाषा, प्रतिक्रिया की तीव्रता, और समूह समन्वय की बारीकियों पर भी विशेष प्रकाश डाला गया।

सिविल डिफेंस  विशेष प्रशिक्षण के प्रमुख मुद्दे

  •   .ब्रेकआउट के दौरान लाइट बंद करना है पूरा अंधेरा हो जाता है जिससे हम दुश्मनों को गुमराह कर सकते हैं
  • . सीपीआई के दौरान व्यक्ति की सांस चलना बंद हो जाए तो उसे पंपिंग करके या मुंह से ऑक्सीजन देना
  • . एयर रेड सायरन एक चेतावनी  अलार्म है जो दुश्मन के हवाई हमले होने की आशंका होने पर कुछ सेकंड पहले बजाया जाता है जिससे लोग सुरक्षित स्थानों पर जा सकते हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here