भगवान भक्तों से जात-पात का भेदभाव नहीं करते:वैष्णवाचार्य डॉ विश्वामित्र शरण,पुरी की तर्ज पर जनदर्शन को निकले जगन्नाथ

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मुलताई- पवित्र नगरी ताप्ती तट पर गायत्री मंदिर में हो रही ताप्ती महिमा कथा के दूसरे दिन कथावाचक वैष्णवाचार्य डॉ विश्वामित्र शरण गोवर्धन मथुरा ने अपने प्रवचन में भगवान जगन्नाथ से जुड़ी अनेक कथाओं का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान अपने भक्त की ना तो जाती देखते हैं,

ना कुल देखते हैं, ना धन देखते हैं, ना पद देखते हैं और ना ही रूप देखते हैं भगवान तो अपने भक्तों के केवल हृदय के भाव देखते हैं। उन्होंने संत रविदास और करणी माता की कथा का वर्णन करते हुए भगवान और भक्ति के बीच के संबंध के माध्यम से जात-पात के भेदभाव को दूर कर आपस में प्रेम भाव बढ़ाने का संदेश दिया। मां ताप्ती को सूर्यपुत्र कहा जाता है जिससे चलते आज वैष्णवाचार्य डॉ विश्वामित्र शरण ने अपने प्रवचन में भगवान सूर्य की उत्पत्ति ,भगवान सूर्य के माता-पिता के संबंध में विस्तार से बताया।

ताप्ती तट पर विगत 30 वर्षों से निरंतर हो रही ताप्ती महिमा कथा का आयोजन मां ताप्ती महिमा कथा आयोजन समिति द्वारा किया जाता है। गायत्री परिवार सहित अनेक धार्मिक संगठन इसकी व्यवस्था संभालते हैं ताप्ती महिमा कथा से जुड़े श्रद्धालुओं को वर्ष भर कथा का इंतजार रहता है और कथा प्रारंभ होते ही दूर-दूर से लोग ताप्ती कथा सुनने ताप्ती तट पहुंचाते हैं।

मुलताई जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर ताप्ती तट पर स्थित जगदीश मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। जगदीश मंदिर के समक्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु एक जुट हुए जहां महाआरती का आयोजन किया गया था आरती के उपरांत भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को रथ में विराजमान किया गया।

बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सीयों को खींचकर आगे बढ़ाते रहे। जगदीश मंदिर से निकलकर भगवान जगन्नाथ का रथ गांधी चौक, यादव प्रेस मार्ग से होता हुआ जगदीश मंदिर पहुंचा जहां इस यात्रा का समापन किया गया। मार्ग मे जगह-जगह भगवान जगन्नाथ एवं रथ यात्रीयों में का स्वागत किया गया। जगह-जगह प्रसादी वितरण कर भगवान जगन्नाथ के रथ पर पुष्प वर्षा की गई ।

मां ताप्ती जन्मोत्सव सप्ताह के दूसरे दिन सूर्यपुत्री मां ताप्ती तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्यों ने नगर में प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाकर सैकड़ो घरों में प्लास्टिक की बोतल वितरण की जिसमें प्रत्येक घर के लोगों को कहां गया है कि वह प्लास्टिक की बोतल को ऊपर से काटकर इसमें घर में आने वाली प्रत्येक पानी को अच्छे से भरकर उन्हें लौटा दे ताकि ताप्ती क्षेत्र न्यास के सदस्य उस प्लास्टिक का उचित प्रबंध कर सके और इस प्रकार नगर प्लास्टिक मुक्त हो सके । इस अवसर पर ताप्ती तट की सफाई करने वाले सफाई कर्मियों का भी सम्मान किया गया। कार्यकर्ताओं ने लोगों से प्लास्टिक कचरे को खुले में न फेंकने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि हवा में उड़कर यह कचरा नगर की गलियों और नालियों में फैल जाता है।

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