भगवान नरसिंह ने किया हिरण्यकश्यप का वध ,बड़ी संख्या में देखने पहुंचे लोग,

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नगर में 300 वर्षों से नरसिंह अवतार जयंती मनाई जा रही है।शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नृसिंह का प्राकट्य पर्व मनाया जाता है। इस दिन रात को  जब  भगवान नरसिंह का अवतार होता है बड़ी संख्या में लोग इसे देखने जस्तम चौक से गांधी चौक वाले मार्ग पर उत्सव देखने एकत्रित होते हैं और भगवान नरसिंह अवतार का वर्ष में एक बार दर्शन प्राप्त कर मान्यता अनुसार असीम पुण्य की प्राप्ति करते हैं।

नर्सिंग अवतार कथा के संबंध में बताया जाता है कि इस अवतार में भगवान का रूप आधा नर यानी मनुष्य का है और आधा शरीर सिंह यानी शेर का है। राक्षस हिरण्यकश्यप ने भगवान की तपस्या कर के चतुराई से वरदान मांगा था। जिसके अनुसार उसे कोई दिन में या रात में, मनुष्य, पशु, पक्षी कोई भी न मार सके। पानी, हवा या धरती पर, किसी भी शस्त्र से उसकी मृत्यु न हो सके।

इसके चलते भक्त प्रहलाद के आवाहन पर भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध कर यह संदेश दिया कि अधर्म कितना भी शक्तिशाली हो उसका अंत निश्चित है। इसी उपलक्ष्य में ब्राह्मण समाज द्वारा भगवान नरसिंह प्रकट उत्सव मनाया जाता  है। इस अवसर पर सर्व ब्राह्मण समाज नगर के गणमान्य नागरिक, पत्रकार बंधु, व्यापारी, महिलाएं बच्चे बूढ़े आदि भक्तगण हजारों की संख्या में इस आयोजन में उपस्थित थे। जिन्होंने भगवान नरसिंह का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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