बैतूल को प्रदेश में मिली नई पहचान,हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष,

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हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कई नाम उछले, लेकिन सबसे प्रबल दावेदारी बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल की ही मानी जा रही थी। यहीं वजह है कि बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल अध्यक्ष पद के लिए  खंडेलवाल का सिंगल नामांकन रहा और वे निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने गए, क्योंकि हेमंत खंडेलवाल, सीएम डॉ. मोहन यादव की पहली पसंद बताए जा रहे  हैं, वहीं बाकी बडे नेता भी उनके नाम पर राजी हैं।

अगर  खंडेलवाल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनते है तो लंबे अरसे बाद बैतूल को प्रदेश नेतृत्व का मौका मिलेगा। भाजपा की राजनीति में बैतूल जिले में विधायक हेमंत खंडेलवाल को मैनेजमेंट का गुरू माना जाता है और अब भाजपा आलाकमान ने प्रदेश का नेतृत्व हेमंत खंडेलवाल को सौंपा है। गौरतलब रहे कि बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश स्तर पर पहले भी बड़ी जिम्मेदारियां दी गई थी और वे इन जिम्मेदारियों को निभाने में खरे भी उतरे है।   

बैतूल। बैतूल की राजनीति में विराट व्यक्तित्व के धनी स्व. विजय कुमार खंडेलवाल की विरासत को लेकर चल रहे पूर्व सांसद एवं वर्तमान बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल के व्यक्तित्व में भी सेवा, समर्पण, ईमानदारी और क्षेत्र के विकास को लेकर विजन अलग ही झलकता है। राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता या व्यक्तिगत ईर्ष्या भाव में कोई उनकी राजनीति की आलोचना भले ही करें, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर सभी को पता है कि जरूरतमंद की मदद के मामले में हमेशा तत्पर रहते है। सबसे बड़ी बात यह है कि वे मदद करने के बाद भूल जाते है, उस मदद को अपने राजनैतिक फायदे के लिए भुनाना पसंद नही करते है।

हेमंत खंडेलवाल का राजनैतिक कद यह है कि प्रदेश स्तर पर पार्टी के नीति निर्धारकों में उन्हें गिना जाता है। उनकी क्षमता, कार्यकुशलता और समर्पण को देखकर ही पार्टी ने उन्हे कुशाभाऊ ठाकरे न्यास की महत्वपूर्ण जिम्मेदार सौंपी गई है। प्रदेश की चुनाव प्रबंध समिति में वे एक बड़ी भूमिका में भी रहे। मैनेजमेंट की कला में उनका कोई सानी नहीं है। हेमंत खंडेलवाल वह व्यक्तित्व है जिन्हे प्रदेश ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी अलग पहचाना जाता है। भाजपा के अंदर उन्हे तमाम राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज व्यक्तिगत तौर पर जानते है। यह उनके राजनैतिक व्यक्तित्व को जाहिर करने वाली बाते है लेकिन व्यक्तिगत जीवन में वे जिस तरह से आम, गरीब लोगों की या बैतूल जिले के नागरिकों की जात, धर्म और दलगत भावना से ऊपर उठकर मदद करते है वह बेमिसाल है। उनके विधायक कार्यकाल में स्वीकृत कराई गई विकास परियोजनाएं, सड़के, बनाए गए डेम, आज भी बैतूल के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे है। आज बतौर बैतूल विधायक भी उनके कार्यकाल में बैतूल विधानसभा में कई विकास के कार्य स्वीकृत हो रहें है।

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद स्व. विजय कुमार खंडेलवाल के बेटे हेमंत का जन्म 3 सितंबर 1964 को यूपी के मथुरा में हुआ। उन्होंने बैतूल के जेएच गवर्नमेंट कॉलेज से 1986 में बीकॉम और 1990 LLB की डिग्री प्राप्त की। खंडेलवाल की शादी पश्चिम बंगाल की रितु खंडेलवाल से हुई, उनका एक बेटा और एक बेटी है।आरएसएस पृष्ठभूमि वाले हेमंत खंडेलवाल के पिताजी विजय खंडेलवाल, जो कि आरएसएस के समर्पित कार्यकर्ता थे, वह 1996 से 2006 तक चार बार बैतूल के सांसद रहे है। वर्ष 2007 के उपचुनाव में उनके आकस्मिक निधन पर हुए उपचुनाव में हेमंत खंडेलवाल बैतूल सीट से उपचुनाव जीतकर सांसद बने। इसके बाद 2010 में बैतूल भाजपा के जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। उसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में बैतूल सीट से विधानसभा का चुनाव जीतकर शिवराज सिंह की सरकार में कई महत्वपूर्ण समितियां में विभिन्न पदों पर रहे। इसके अलावा भाजपा प्रदेश संगठन में प्रदेश कोषाध्यक्ष के पद पर रहे।  2019 के विधानसभा चुनाव में बैतूल सीट से चुनाव हार गए थे फिर उसके बाद 2024 के विधानसभा चुनाव में पुन: बैतूल से विधायक निर्वाचित हुए। हेमंत शिवराज सिंह की सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं।


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