ताप्ती जल प्रवाह क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर प्रशासन गंभीर,तहसील न्यायालय से 17 को मिले नोटिस 10 में प्रस्तुत किए जवाब,

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ताप्ती जलमार्गों पर अतिक्रमण एवं  रिकॉर्ड में बदलाव की शिकायत नई बात नहीं है किंतु प्रमाणित होने के बाद भी अनेक वर्षों से अतिक्रमण करने वालों पर  कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है किंतु इस बार ताप्ती से जुड़े मामले में प्रशासन गंभीर दिखाई दे रहा है।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा की वर्तमान   ताप्ती जल मार्ग क्षेत्र के 17 एवं स्टेशन रोड के10 अतिक्रमण मामलों का निराकरण क्या हो पता है। सूत्र बताते हैं कि ताप्ती से जुड़े अतिक्रमण को लेकर जिला कलेक्टर भी गंभीर है इससे ताप्ती श्री क्षेत्र के अतिक्रमण मुक्त होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। अतिक्रमण के नए 17 मामलों में भी जुलाई माह मे फैसला हो सकता है।

उषा वासुदेव, सत्यनारायण मंदिर ट्रस्ट सौरभ कुमार ,लक्ष्मण प्रसाद, किरण देवी लख्मीचंद ,कुसुमा देवी संतोष, आशा देवी पुरुषोत्तम, साधना मुरलीधर, संतोष कुमार सूरजमल, पुरुषोत्तम सूरजमल ,लक्ष्मी चंद सूरजमल, मुरलीधर मंगल प्रसाद, मोतीडास नानक दास, किशन दास नानक दास, हनुमान दास नानक दास, नानक दास लक्ष्मण दास आदि प्रमुख है।

उक्त अतिक्रमण मामले में ताप्ती विकास प्राधिकरण समिति ने जिला कलेक्टर और अनुभागीय अधिकारी मुलताई को पत्र लिखकर  ताप्ती नदी के प्रवाह क्षेत्र में अतिक्रमण और रिकॉर्ड में हेरफेर का मुद्दा उठाया था।पत्र में कहा गया है कि मां ताप्ती नदी के उद्गम स्थल कुंड से निकलने वाली नदी का प्रवाह क्षेत्र अन्य व्यक्तियों के नाम पर चढ़ा दिया गया है और नदी का प्रवाह बाधित कर दिया गया है।नदी का प्रवाह बाधित होने से ताप्ती कुंड का पानी बारिश में कुंड के ऊपर से बहता है, जिससे प्राचीन मंदिरों और कुंडों में पानी भर जाता है, और ताप्ती जी के तालाब में दरारें आ गई हैं, जिससे जनहानि का खतरा है।

समिति ने अपने शिकायत में बताया  है की 1954-55 के अधिकार अभिलेख में ताप्ती नदी के बटांकन का उल्लेख है, जिसमें 242/1, 242/2, और 242/3 खसरा नंबरों पर ताप्ती नदी का जिक्र है ।यह भी बताया गया है कि 1972-73 के अधिकार अभिलेख के अनुसार खसरा नंबर 240, 242/3 को 560 नंबर में दर्ज किया गया है, जिससे नदी के प्रवाह में बाधा आ रही है।

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