जनपद अधिकारियों ने सार्वजनिक कामथ कुंए को बताया उपयोगी,आर आई पटवारी ने बताया था अनुपयोगी,

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बीते दिनों नगर के एक व्यापारी ने ग्राम पंचायत कामथ के सार्वजनिक कुएं को अनुपयोगी बताते हुए इसे बंद किए जाने का आवेदन लगाया और रोचक तथ्य यह है कि मामले की जांच करने पहुंचे आर आई और पटवारी ने इस सार्वजनिक कुंए को अनुपयोगी बता दिया। जब इस बात की जानकारी खंड पंचायत अधिकारी, उपयंत्री सहित ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों को लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर कुएं के जल का ग्राम पंचायत के लिए उपयोग होने  का पंचनामा बनाया।

हालांकि अब अधिकारी यह कह रहे हैं कि सार्वजनिक कुए को बंद नहीं किया जाएगा किंतु बड़ा प्रश्न यह है कि एक ओर शासन जहां परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण के लिए अनेक योजनाएं बना रहा है। वही शासन के लाखों रुपए की लागत से बने कामथ ग्राम पंचायत के सार्वजनिक कुंए को सिर्फ एक आवेदन के आधार पर अनुपयोगी बता देना एक गंभीर मामला है। जिसमें आर आई , पटवारी की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे है।

जनपद सदस्य सजना जीवन डोगर दिए एवं ग्राम पंचायत सरपंच पुष्पा जीतू डहारे बताती हैं कि कामथ ग्राम पंचायत की पेयजल समस्याओं को देखते हुए लगभग 6 लाख की लागत से 2016-17 में कामथ में शासकीय कुंए का निर्माण किया गया। लगभग आधे कामथ में इस कुएं से पेयजल सप्लाई होती है।  2022 में नगर के एक व्यापारी महेश अग्रवाल ने इस कुएं से लगी बगैर रास्ते की भूमि को खरीदा और 2 वर्ष बाद मध्य प्रदेश शासन के एक मंत्री से इस कुएं को अनुपयोगी बताते हुए इसे बंद किए जाने की मांग की ।

शिकायत प्राप्त होने पर तहसीलदार ने आर आई और पटवारी को मामले की जांच के आदेश दिए आर आई पटवारी ने व्यापारी की शिकायत की पुष्टि करते हुए सार्वजनिक कुएं को अनुपयोगी बता दिया। जिसको लेकर कामथ ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि और नागरिकों में भारी रोष देखा गया । जनप्रतिनिधियों ने जनपद के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर बताया कि जीस कुएं के निर्माण में शासन की लाखों रुपए की राशी लगी हो जिस कुएं से आठ माह पेयजल आपूर्ति की जाती हो उसे बंद कैसे किया जा सकता है. इसके बाद उपयंत्री और जनपद अधिकारियों ने इसके उपयोगी होने का पंचनामा बनाया।

इनका कहना

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