क्षेत्र में फैल रहा है मौसमी बीमारियों का प्रकोप,स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी हुई 400 के पार,

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुलताई में प्रतिदिन की ओपीडी 400 के पार हो रही है और इसके अलावा नगर के निजी अस्पतालों में इससे कई ज्यादा मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। बीमारियों के प्रकोप के चलते नगर में  झोलाछाप डॉक्टर  भी चांदी काट रहे हैं। जानकार बताते हैं कि यह झोलाछाप अपने बचाव के लिए अनेक पैथी की डिग्री दिखाकर जमकर एलोपैथी की दवाइयां लिख रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों को बाटल और इंजेक्शन लगा रहे हैं

और इन्हें देखने वाला कोई भी नहीं, प्रशासन जब जागता है जब कोई बड़ी घटना सामने आती है। मुलताई क्षेत्र निम हकीमो का चारागाह बन गया है यहा आए दिन सोनोग्राफी की दुकान खुल जाती है कहीं ब्लड जांच लैबोरेट्री चलने लगती है और कहीं बाहर से आकर डॉक्टर उपचार और अपनी दवाइयां बेचने लगते हैं। और यह देखने वाला कोई नहीं की उपचार करने वालों और नई-नई डॉक्टरी की दुकान खोलने वालों का रजिस्ट्रेशन जिला स्वास्थ्य केंद्र से है अथवा नहीं।

शासन आम व्यक्ति को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च करता किंतु यह प्रयास कितने सफल हुए हैं और आम आदमी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है अथवा नहीं इसकी पहचान होने वाली बीमारियों और मरीजों की संख्या से की जा सकती है वर्तमान समय में एक ओर वायरल फीवर जहां बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी ओर पानी की खराबी से होने वाले टाइफाइड के मरीजों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है। मुलताई नगर पालिका नागरिकों को फिल्टर पानी उपलब्ध कराने का दम भरती है किंतु टाइफाइड के मरीज  नगर में भी बढ़ते जा रहे हैं 20 वर्षों में 30 करोड़ से अधिक राशि खर्च होने के बावजूद भी घरों में पहुंचने वाला पानी शुद्ध है अथवा नहीं कहना कठिन है।
एक निजी चिकित्सक बताते हैं कि उनके यहां प्रतिदिन 200 मरीज आते हैं उनमें से टाइफाइड के मरीजों की संख्या लगभग 40% है। और यह आम बीमारी सी हो गई है।

इनका कहना

झोला छाप डॉक्टरों की समस्या तो है इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय लेकर टीम बनाकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

डॉक्टर पंचम गुरु
ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी मुलताई

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