4.60 लाख में खरीदे गए हाइड्रोलिक पशु वाहन में गंभीर वित्तीय अनियमितता का मामला,
मुलताई: नगर पालिका द्वारा तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी नितिन कुमार बिजवे के कार्यकाल में 4 लाख 60 हजार रुपये की लागत से खरीदे गए हाइड्रोलिक पशु वाहन (काऊ कैचर) की खरीदी में अनियमितताओं के संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश शासन के आयुक्त संकेत भोंडवे ने तत्कालीन सीएमओ नितिन बिजवे, तत्कालीन उपयंत्री पंकज धुर्वे, तत्कालीन लेखापाल भागचंद अहिरवार और सहायक राजस्व निरीक्षक अमरलाल कवड़े के विरुद्ध विभागीय जांच प्रस्तावित करते हुए आरोप पत्र जारी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि काऊ कैचर खरीदी प्रकरण को हरिभूमि ने प्राथमिकता के साथ उठाया था और इस विषय पर अनेक समाचार प्रकाशित किए थे।

आयुक्त संकेत भोंडवे द्वारा आदेश क्रमांक शि./6/मुलताई/2025/2/137 जारी किया गया है। जांच में पाया गया कि इस वाहन की खरीदी 15वें वित्त आयोग की राशि 4.60 लाख रुपये से की गई, जबकि भुगतान का समायोजन निकाय निधि से किया जाना था। यह प्रक्रिया मध्यप्रदेश नगरपालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम 86 का उल्लंघन है, जिसमें एक लाख रुपये से अधिक की खरीदी के लिए खुली निविदा प्रक्रिया अनिवार्य है।

इसके बावजूद खरीदी GeM पोर्टल के माध्यम से मेसर्स ज्योति इंडस्ट्रीज, भोपाल से की गई। विभागीय अभिलेखों के अनुसार यह खरीदी प्रक्रिया वर्ष 2021 से 2022 के बीच संचालित हुई तथा बिना खुली निविदा के ही 4.60 लाख रुपये का भुगतान किया गया। यह गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है और इसमें संबंधित अधिकारी उत्तरदायी पाए गए हैं।
क्या खरीदा गया काऊ कैचर वही है जिसका भुगतान हुआ
4 लाख 60 हजार रुपये की लागत से खरीदे गए काऊ कैचर को लेकर प्रारंभ से ही कई सवाल उठते रहे हैं। शिकायतें भी हुईं और जांच भी जारी है, किंतु कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न अभी भी अनुत्तरित हैं।विशेषज्ञों के अनुसार सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि नगर पालिका मुलताई ने जिस हाइड्रोलिक पशु वाहन का आदेश GeM पोर्टल के माध्यम से मेसर्स ज्योति इंडस्ट्रीज, भोपाल को दिया था, क्या मुलताई में प्राप्त वाहन वही है। यदि हाँ, तो उसका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी ने किया। जहां गरीब जनता की गाढ़ी कमाई खर्च की गई हो, वहां नियमानुसार भौतिक सत्यापन अनिवार्य है।

GeM पोर्टल की खरीदी और गरीबों की आहें
सन 2021-22 में तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी नितिन कुमार बिजवे का कार्यकाल कोरोना समाप्ति का समय था। इस अवधि में गरीब व्यापारी एवं आम नागरिक आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। एक ओर नगर पालिका बस स्टैंड के छोटे दुकानदारों की दुकानों पर किराया न भरने पर ताले लगा रही थी, वहीं दूसरी ओर जल कर और मकान कर वसूली के नाम पर नोटिस जारी किए जा रहे थे। स्थानीय नेतृत्व के संरक्षण में कठोर वसूली की जा रही थी।
इसके विपरीत इसी समय GeM पोर्टल के माध्यम से करोड़ों रुपये की खरीदी की जा रही थी। लोग आर्थिक कठिनाइयों में थे और अधिकारी अपने संबंध मजबूत करने में लगे थे। आज जब इन खरीदों में उठे प्रश्नों के परिणाम सामने आ रहे हैं, तो जनमानस कह रहा है कि गरीब की आह का असर होता है। देर से सही, पर होता अवश्य है।

इनका कहना है
काऊ कैचर खरीदी मामले में आयुक्त नगरीय प्रशासन से प्राप्त आरोप पत्र, नितिन बिजवे को छोड़कर वर्तमान में नगर पालिका में पदस्थ कर्मचारियों को तामील कर दिए गए हैं।
वीरेंद्र तिवारी
नगर पालिका अधिकारी, मुलताई

