जिले में चल रहा है जल संवर्धन अभियान,पवित्र नगरी में दम तोड़ रहे हैं परंपरा गत जल स्रोत
मुलताई – संपूर्ण जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से संपूर्ण जिले में परंपरागत जल स्रोत कुओं, तालाबो के संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि संपूर्ण जिले के अभियान का आरंभ पवित्र नगरी ताप्ती उद्गम से किया गया किंतु एक माह तक चलने वाले इस महत्वपूर्ण अभियान में संपूर्ण जिले का गौरव ताप्ती उद्गम स्थल ताप्ती सरोवर, शनि सरोवर, ताप्ती कुंडो का संरक्षण शामिल नहीं है।
जबकि इस अभियान के माध्यम से परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण की जिले में सर्वाधिक आवश्यकता ताप्ती श्री क्षेत्र को है। ताप्ती सरोवर के घाट दम तोड़ रहे हैं। सरोवर के कर्बला घाट का निर्माण कार्य स्वर्गीय पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता पवार के कार्यकाल में हुआ था राशि कम होने के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो सका था यह अधूरा कार्य दो दशक से अधिक समय से अब भी अधूरा है। गजानन मंदिर के सामने ताप्ती घाट की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है जो कभी भी टूट सकती है इसके साथ ही परिक्रमा क्षेत्र में बनाया गया ढ़ोब का लोहे का पिलर भी ढ़ह सकता है।

नगर वासी 25 वर्षों से शनि सरोवर और ताप्ती सरोवर को जोड़ने वाले सुलुश गेट के नव निर्माण की मांग कर रहे हैं यह गेट खराब होने के कारण ताप्ती सरोवर के पानी का रिसाव होता है जिससे सरोवर का जलस्तर समय से पहले ही कम हो जाता है । इस अभियान की जानकारी लंबे समय से जिले के संपूर्ण अधिकारी और नेताओं को थी किंतु किसी ने भी ताप्ती ,शनि सरोवर और कुंड के सुधार कार्य को इस योजना से जोड़ने का प्रयास नहीं किया। और रोचक तथ्य यह भी है कि संपूर्ण जिले के कार्यक्रम का आरंभ ताप्ती तट से होने के बावजूद एक भी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस और नहीं गया ,लोग इसे पवित्र नगरी के पवित्र जल स्रोतों की उपेक्षा मान रहे हैं।

ताप्ती विकास के लिए जनप्रतिनिधियों आशा से देख रहे लोग
इस जल गंगा संवर्धन अभियान में शामिल पूर्व रोजगार निर्माण बोर्ड अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता हेमंत विजय राव देशमुख ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ताप्ती के विकास के लिए क्षेत्र की जनता हमारे जागरूक जनप्रतिनिधि विधायक चंद्रशेखर देशमुख ,जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार ,नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा गडेकर की ओर आशा भरी दृष्टि से देख रहे हैं। हेमंत देशमुख एकमात्र जनप्रतिनिधि थे जिन्होंने ताप्ती के विकास की बात की हालांकि उनके कथन का कितना प्रभाव होगा यह तो कहना कठिन है किंतु ताप्ती और शनि सरोवर की बिगड़ती हालत चिंता का विषय बनी है जिसे जनप्रतिनिधि और शासन को गंभीरता से लेना चाहिए।