छोटी सी तनख्वाह में 24 घंटे काम करने के बाद भी नहीं मिलता समय पर भुगतान
मुलताई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत कार्यरत आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी स्वास्थ्य कर्मियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। इस समस्या को लेकर मध्यप्रदेश आशा/आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ के तत्वावधान में कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन खंड चिकित्सा अधिकारी, मुलताई को सौंपा तथा शीघ्र समाधान की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय पर समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
आशा कार्यकर्ता गुनवा पाटेकर ने बताया कि तीन माह से वेतन नहीं मिला है। “हम सभी कार्यकर्ता छोटी-सी तनख्वाह में दिन-रात मेहनत करते हैं और ग्रामीण अंचलों में जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। सुबह से फील्ड में जाना पड़ता है, पर अब स्थिति यह है कि गाड़ी में पेट्रोल डालने के भी पैसे नहीं हैं। पेट में खाना नहीं होगा तो हम कैसे काम करेंगे?”वहीं कंचन गाठे ने बताया कि वेतन न मिलने के कारण बच्चों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि “शासन को यह सोचना चाहिए कि हम खाली पेट रहकर कैसे दौड़-भाग करेंगे।”

अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी नहीं निकला समाधान
आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनियों ने अपने सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि आशा कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों का महीनों से वेतन लंबित है तथा पूर्व में किए गए भुगतानों में भी अनुचित कटौती की गई है। इस विषय पर कई बार ब्लॉक एवं जिला स्तर पर अधिकारियों को अवगत कराया गया, किंतु अब तक कोई समाधान नहीं निकला।
उन्होंने कहा कि अब सभी कार्यकर्ता आंदोलन की राह पर चलने के लिए विवश हैं। आगामी दिनों में सामूहिक रूप से जिला मुख्यालय पर आंदोलन की सूचना पत्र सौंपा जाएगा।
ज्ञापन सौंपने वालों में ममता साबले, गुनवा पाटेकर, दुर्गा खंडागरे, सविता गावंडे, लता फाटे, रीना सिसोदिया, प्रभाकली धुर्वे, संगीता राणे, सुलोचना राठौर, गीत चड़ोकार, वर्षा पवार, ललिता देशमुख, शांति सरोदे आदि प्रमुख रूप से शामिल थीं।
इनका कहना
“सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत आने वाली आशा एवं पर्यवेक्षकों के वेतन से संबंधित समस्या प्रदेश स्तर की है। वहां से भुगतान की राशि प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए देरी हो रही है।”
राजेंद्र मीणा,
खंड चिकित्सा अधिकारी, मुलताई
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