आदित्य की हत्या के विरोध में सड़कों पर उमड़ा आदिवासियों का आक्रोश

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मुलताई – आदिवासी युवक आदित्य टेकाम की हत्या के विरोध में आज आदिवासी संगठनों का आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया। रैली और प्रदर्शन के माध्यम से आदिवासी नेताओं ने प्रशासन से मांग की कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों, मृतक आदित्य के हत्यारों को कड़ी सजा दी जाए और परिजनों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
प्रदर्शन के दौरान आदिवासी समाज ने मुलताई पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। जयस जिला अध्यक्ष संदीप धुर्वे, रमेश सरियाम, राजा धुर्वे, महेश उइके एवं मनोज उइके के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आदिवासी युवा और महिलाएँ थाना परिसर के सामने मुख्य मार्ग पर पहुँचे, जहाँ वे दो घंटे से अधिक समय तक बैठकर एसपी को मुलताई बुलाने की मांग करते रहे।


इस दौरान एसडीओपी ए.के. सिंह एवं एसडीएम राजीव कहार लगातार प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास करते रहे, किंतु सभी एसपी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। बाद में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी आंदोलन स्थल पर पहुँचीं और आदिवासी समाज का ज्ञापन स्वीकार किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि आदित्य के हत्यारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और परिजनों को सहायता राशि की अनुशंसा शीघ्र की जाएगी।


हाल ही में बस स्टैंड क्षेत्र में हुई आदित्य टेकाम की हत्या के विरोध में आदिवासी समाज द्वारा आज घोषित “मुलताई बंद” का नगर में मिला-जुला असर रहा। बीती रात ही हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना सामने आने के बाद सुबह माना जा रहा था कि नगर में बंद का असर कम रहेगा।
सुबह अधिकांश दुकानें खुली रहीं, किंतु बाद में आदिवासी संगठनों से जुड़े युवाओं ने नगर भ्रमण कर दुकानदारों से बंद में सहयोग की अपील की। इसके बाद बस स्टैंड, जयस्तंभ चौक से लेकर नाका नंबर एक तक अधिकांश दुकानें बंद हो गईं। गांधी चौक में भी बाजार बंद रहा।
इसके उपरांत सभी संगठन से जुड़े महिला-पुरुष कृषि उपज मंडी में एकत्र हुए, जहाँ से रैली के रूप में अंबेडकर चौक, फव्वारा चौक होते हुए थाना परिसर पहुँचे और ज्ञापन सौंपा।
पारिवारिक सहायता हेतु एक करोड़ मुआवजे की मांग


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी को सौंपे गए ज्ञापन में आदिवासी संगठनों ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास, तथा आरोपियों को वयस्कों की तरह फांसी की सजा देने की मांग की।

ज्ञापन में आदिवासी संगठनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुलताई पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र में केवल प्राथमिक उपचार की सुविधा है, पर्याप्त चिकित्सक और संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। उपचार में देरी के कारण आदित्य की मृत्यु हुई। संगठनों ने मांग की कि स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त डॉक्टरों की पदस्थापना की जाए और आवश्यक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।


पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार


मुलताई पुलिस ने हत्या के मामले में अपराध क्रमांक 1028/25 के तहत धारा 103(1), 109, 296, 351(3) भारतीय न्याय संहिता तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं 3(1)(द), 3(2)(व) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य आरोपी 17 वर्षीय नाबालिग है। अन्य आरोपी हैं —
राहुल उर्फ करण उर्फ धोपाडे पिता मुन्नालाल पवार, उम्र 19 वर्ष, निवासी मासोद रोड मुलताई,शुभम उर्फ टिक्कू मंसूरे पिता जगदीश मंसूरे, उम्र 18 वर्ष 3 माह, निवासी गांधी वार्ड मुलताई शिवम मंसूरे मुलताई पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।


इनका कहना
हत्या के चार आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पीड़ित परिवार के मुआवजे के मामले में विभाग प्रकरण बनाकर आदिम जाति कल्याण विभाग को शीघ्र भेज रहा है ताकि समिति पीड़ित को उचित मुआवजा उपलब्ध करा सके।
कमला जोशी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैतूल

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