मुलताई- बैतूल एवं मुलताई जिले के दो प्रमुख सिंचाई डिवीजन में कार्यपालन यंत्री का प्रभार संभाल रहे एसडीओ विपिन वामनकर को मुलताई डिवीजन से हटाकर उनके स्थान पर मुलताई सिंचाई डिवीजन में पदस्थ सीएल मरकाम को कार्यपालन यंत्री बनाया गया है।
बीते तीन वर्षों से मुलताई में स्थाई रूप से मुख्यालय पर रहकर कार्य करने वाले कार्यपालन यंत्री ना होने के कारण मुलताई क्षेत्र की अनेक महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना अधर में लटकी हुई थी । पारसढ़ोह, वर्धा जैसी महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना अधर में लटकी हुई थी
और अधिकारी समय सीमा में कार्य पूर्ण कराने के बजाय अलग-अलग तर्क देकर ठेकेदार की समय सीमा बड़ा रहे थे जिसका लाभ ठेकेदारों को तो मिल रहा था किंतु सफर क्षेत्र की जनता कर रही थी। अब सीएल मरकाम की नियुक्ति के बाद यह माना जा रहा है की क्षेत्र में चल रही सिंचाई परियोजनाए समय पर पूर्ण होगी और प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं को गती मिल सकेगी।

विधायक के प्रयासों से हुई नई परियोजनाओं की मंजूरी एवं कार्य पालन यंत्री की पोस्टिंग
सिंचाई डिविजन जिसके अंतर्गत मुलताई, आमला, आठनेर ,प्रभात पट्टन चार सब डिवीजन आते हैं । किंतु इतने महत्वपूर्ण डिवीजन में तीन वर्षों तक कार्यपालन यंत्री की पोस्टिंग नहीं हो पाई थी जिसकी मांग लंबे समय से स्थानीय विधायक चंद्रशेखर देशमुख से की जा रही थी। विधायक देशमुख को सिंचाई क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए जाना जाता है। उन्होंने अनेक सिंचाई परियोजनाओं को हाल ही में मंजूरी दिलाई है यह सभी योजनाएं परवान चड़ सके इसके लिए विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने सिंचाई मंत्री से भेंट कर उन्हे स्थिति से अवगत कराया और जहां नई सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति मिली वहीं परमानेंट कार्यपालन यंत्री की समस्या का भी समाधान हुआ।

जाने क्या है सिंचाई परियोजनाओं की स्थिति,
मुलताई क्षेत्र में सिंचाई परियोजनाओं की बात करें तो 8 साल पूर्व प्रारंभ की गई मध्यम सिंचाई परियोजना वर्धा एवं पारसढ़ोह बांध है यह परियोजनाएं तीन से चार वर्ष में पूर्ण होकर इसका लाभ क्षेत्र को मिल जाना था जो अब तक पूर्ण नहीं हुई है। इसके अलावा 5 लघु सिंचाई परियोजना बिछुआ, गागई, चकोरा ,खेडी रामोसी और रीधोरा सीरकुंड का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा जिन लघु सिंचाई परियोजनाओं को साध्यता स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होकर प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त होना शेष है

उनमें परेगांव, जामगांव, जाम, भैंसदंड, राखी ढ़ाना शामिल है ।हाल ही में विधायक चंद्रशेखर देशमुख के प्रयासों से बकदर बराई, बिछुआ, लामनढ़ोह पाथाखेड़ा, डुमरीढ़ोल नागढ़ाना ,खोदरी ढ़ाना खाल्ला सोनेगांव लघु सिंचाई परियोजना बांध शामिल है को साध्यता का स्वीकृति मिली है जिनका सर्वे कार्य पूर्ण करके इन्हें तकनीकी स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

सिंचित हरियाली से हरा भरा होगा संपूर्ण क्षेत्र :- सीएल मरकाम
कार्यपालन यंत्री सीए मरकाम ने बताया कि उनका उद्देश्य क्षेत्र के हर किसान के खेत में पानी पहुंचाना होगा ताकि क्षेत्र के चारों ओर संचित हरियाली दिखाई दे और किसान समृद्ध हो सके। उन्होंने कहा कि वर्धा एवं पारसढोह बांध शीघ्र अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सके इसके प्रयास किए जाएंगे और इनसे संबंधित प्राप्त शिकायतों का निराकरण किया जाएगा । विधायक चंद्रशेखर देशमुख के प्रयासों से नई सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति प्राप्त हो रही है यह सिंचाई परियोजनाएं क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी क्षेत्र में जो लघु सिंचाई परियोजना प्रारंभ है उनका कार्य सितंबर माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके अलावा प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजे गए बांधो को शीघ्र स्वीकृति प्राप्त हो एवं टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो इसके प्रयास किए जाएंगे। साध्यता के लिए जो नए बांधों की स्वीकृति आई है उनके शीघ्र सर्वे कार्य पूर्ण कर तकनीकी स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।