सर्वधर्म सम्मेलन में मेधावी विद्यार्थियों का नहीं हुआ सम्मान,भूखे-प्यासे बैठे रहे बच्चे, न भोजन मिल, न सम्मान

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दिलीप पाल

आमला-अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन में मेधावी छात्र-छात्राओं का बगैर सम्मान किये लौटा देने से अभिभावकों में नाराजगी है। अभिभावकों ने इसके लिए स्कूल प्रबंधन और सम्मेलन के आयोजक को जिम्मेदार ठहराया है।

अभिभावकों का आरोप है कि जब स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को भेजा था तो उनके भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी भी स्कूल की बनती है, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने भी बच्चों के भोजन-पानी पर ध्यान नहीं दिया। अभिभावकों का कहना है कि सम्मेलन में भीड़ बढाने के लिए बच्चों को बुलाया गया, जबकि कार्यक्रम में शामिल होने वाले बच्चों के भोजन तक की व्यवस्था नहीं की गई। दिनभर बच्चे भूखे-प्यास बैठे रहे और अंत में सम्मान भी नहीं किया गया।

इससे अभिभावक नाराज है। दरअसल अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन में आमला ब्लाक के मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान भी रखा गया था, जिसमें क्राइस्ट द किंग स्कूल के शशांक चिमोटे  89 प्रतिशत, शिवम गारगे  87 प्रतिशत ने भी हिस्सा लिया था। बगैर सम्मान किये बच्चों को लौटना पड़ा। बच्चों ने बताया कि सम्मेलन में सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन सम्मान नहीं किया गया। दोपहर 2 बजे तक भोजन भी बच्चों को नहीं दिया।

कार्यक्रम में भूखे ही बैठे रहे। बच्चों का कहना है कि खाने के लिए तो कोई अफसोस नही है, पर सम्मान नही मिला उससे काफी दुख हुआ। क्राइस्ट द किंग स्कूल की मित्तल लता लाल ने बताया कि सर्वधर्म सम्मेलन के आयोजक द्वारा मेघावी बच्चों की सूची मांगी गई थी। कार्यक्रम में बच्चों को लाने के लिए कहा गया था, लेकिन बच्चों का सम्मान नहीं किया गया। इधर अभिभावक गोकुल गारगे ने कहा कि देश विदेश से आए अतिथियों के सम्मान समारोह स्वागत में इतना समय लग गया कि छात्र-छात्राओं का सम्मान करना ही आयोजक भूल गए। बच्चों को कार्यक्रम में भोजन भी नहीं मिला बच्चे भूखे प्यासे ही कार्यक्रम में बैठे रहे। आखिरकार सम्मान नहीं हुआ तो मायूस होकर बच्चे अपने घर लौट गए।

इनका कहना है –

बोर्ड कक्षाओं के मेधावी छात्र-छात्राएं हैं, इसीलिए स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई बीईओ साहब कर पाएंगे।
– मनीष घोटे
बीआरसी अधिकारी, आमला



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