शिवरात्रि पर पारा खाती में उमड़ा शिव भक्तों का सैलाब,पारा खाती  में है 51 फीट की प्राकृतिक शिवलिंग

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प्रकाश सूर्यवंशी

दुनावा -दुनावा से दक्षिण की ओर 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है शिव धाम पाराखाती जहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी श्रद्धा सुमन लिए यहां पहुंचते हैं और आज से ही यहां तीन दिवसीय मेले का आरंभ होता है।

जिसमें दुनावा के आसपास के दर्जनों ग्राम के श्रद्धालु अपनी आस्था अर्पणा करने यहां पहुंचते हैं साथ ही महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में लोग यहां भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं। यहां शिवभक्त भगवान शिव की प्राचीन गुफा को देखने आते हैं गुफा में इस वर्ष पानी भरा हुआ है जिससे शिवभक्त गुफा के अंदर नहीं जा पा रहे हैं। 

पारा खाती में प्राचीन शिवलिंग एवं प्राचीन गुफा है ,माना जाता है कि यह गुफा पारा खाती से लेकर भगवान भोले के सबसे बड़े धाम पचमढ़ी में निकलती है। भगवान भोले की गुफा पहाड़ियों के अंदर से होकर जाती है । गुफा के बाजू में 51 फीट की प्राकृतिक शिवलिंग है,गुफा के ठीक सामने पंचमुखी पेड़ है जिसमे बड़ ,पाखड़, पीपल, आम, एवं अकाव के वृक्ष सम्मिलित है। पंचवृक्ष के ठीक सामने नदी बहती है जिसमें पूरे वर्ष भर पानी बहता रहता है

नदी के बाजू में ही मेला लगता है प्रति वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष लगभग 4 गुना अधिक श्रद्धालु मेला में पहुंचे हैं। पारा खाती में पहुंचने के लिए एक रास्ता ग्राम मूसा खापा की ओर से है वही दूसरा रास्ता पांढुर्ना पहुंच मार्ग से है। मेंला में जगह जगह भंडारा किया जा रहा है। पारा खाती में प्रतिवर्ष मेला लगने के 15 दिनों पहले से सुधार कार्य चालू हो जाता है इसी तारतम्य में इस वर्ष रास्ता का सुधार किया गया

,मेला लगाने के लिए नदी किनारे से दुकानों के लिए जगहों का समतलीकरण किया गया। मेला समाप्ति के तीसरे दिन दही लाही का प्रसाद वितरण किया जाएगा। पारा खाती समिति के सदस्य पलाश कड़वे, परसराम डोंगरे ,प्रकाश सूर्यवंशी, बाबूलाल सूर्यवंशी, अरविंद साहू, राजा साहू, नरेश फरकाड़े, आशीष सोनी, अमित डोले,पप्पू रघुवंशी सभी का पूरे वर्ष भर पारा खाती जीर्णोद्धार में सहयोग बना रहता है।

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