भोपाल – सीबीआई की विशेष अदालत ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल, व्यापमं से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपित पल्लव अमृतफले पूर्व ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी मुलताई को सात वर्ष के कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह सजा मंगलवार को व्यापमं प्रकरणों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश (सीबीआइ) नीतिराज सिंह सिसोदिया ने सुनाई। डॉक्टर पल्लव के विरुद्ध आरोप थे कि व्यापमं द्वारा आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) वर्ष 2009 मे स्वयं के अनुचित चयन के आशय से प्रतिरूपण द्वारा छल किया था।

मूल्यवान प्रतिभूतियों की कूटरचना की थी और कूटरचित दस्तावेजों को असल रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया था। साथ ही आरोपित के स्थान पर उक्त परीक्षा अन्य व्यक्ति द्वारा दिलवाई गई थी और पास की गई थी। ये सभी आरोप एसटीएफ पुलिस की जांच में सामने आए थे। जिसके पश्चात आरोपित की ओएमआर शीट जब्त की गई। साथ ही उसका आवेदन पत्र एवं मेडिकल कालेज में प्रस्तुत आवेदन पत्र में लगाए गए फोटो भिन्न अलग-अलग मिले थे। हस्तलिपि विशेषज्ञ की जांच से हस्ताक्षर नमूना भी अलग अलग व्यक्ति का होना पाया गया था।

इन धाराओं में हुई सजा
एसटीएफ भोपाल द्वारा आरोपित पूर्व बीएमओ पल्लव अमृतफल्ले के खिलाफ धारा 37/19 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी ,भारतीय दंड विधान के तहत केस दर्ज किया था। दोष सिद्ध होने पर कोर्ट ने दोषी अमृकफले को धारा 419 सहपठित धारा 120 बी में 2 वर्ष सश्रम कारावास और 1000 रुपए जुर्माना,धारा 420 सहपठित धारा 120-बी में 2 वर्ष सश्रम कारावास और 1000 रुपए जुर्माना, धारा 467 सहपठितधारा 120-बी में 7 वर्ष सश्रम कारावास और 3000 रुपए जुर्माना,धारा 468 सहपठित धारा 120-बी में 7 वर्ष सश्रम कारावास और 3000 रुपए जुर्माना, धारा 47। सहपठित धारा 20 बी में 7 वर्ष सश्रम कारावास और 1000 रुपए जुर्माना।
