मुलताई- नगर के सबसे प्राचीन शासकीय प्राथमिक शाला हिंदी स्कूल जिसे टेकडे वाले स्कूल के नाम से जाना जाता है आज बदहाल है। शाला की स्थिति अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है नन्हे नन्हे बच्चों को स्कूल से बाहर दुकानों में पानी पीने जाना पड़ता है
छोटे छोटे बच्चे शाला परिसर से बाहर आकर रोड क्रॉस कर इधर उधर से पानी लेने पर मजबूर है जिसके चलते कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है । बच्चों की समस्या को देखते हुए शाला के समीप नलकूप से पानी देने के लिए व्यापारी तैयार है । पानी पहुँचाने एवं एकत्रित करने की व्यवस्था के लिए वार्ड पार्षद एवं सभापति अंजलि सुमित शिवहरे ने सीएमओ को पत्र लिखकर पाइपलाइन एवं पानी की टंकी की व्यवस्था करने की मांग की थी वार्ड पार्षद अंजलि सुमित शिवहरे ने बताया कि सीएमओ ने गलत जानकारी देकर काम करने से मना कर दिया । जबकि शासन के निर्देशानुसार नगरीय सीमा क्षेत्र में स्थित स्कूलों के रखरखाव की जिम्मेदारी नगरपालिका की है ।

और इसके लिए बाकायदा नगरवासियों से वसूले जाने वाले संपत्ति कर में शिक्षा उपकर जोड़ कर लिया जाता है । लेकिन सीएमओ नितिन बिजवे दुर्भावनावश बच्चों को शुद्ध पेयजल से वंचित कर रहे है । इस संपूर्ण मामले की शिकायत कांग्रेस नेता सुमित शिवहरे ने शासन के निर्देश की प्रति के साथ एसडीएम राजनंदिनी शर्मा को की है । क्षतिग्रस्त पाइपलाइन को भी मरम्मत का इंतजार प्राथमिक शाला में स्थित जर्जर कमरों को तोडने के दौरान शाला में लगी नगरपालिका की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी । जिसकी मरम्मत के लिए शिक्षा विभाग ने नगरपालिका को पत्र भी लिखा था लेकिन एक साल से अधिक हो जाने पर भी अभी तक नगरपालिका ने क्षतिग्रस्त पाइप बदले नही है ।
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