मुलताई वन परिक्षेत्र में भालू के हमले में किसान की मौत,

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मृतक किसान की पहचान 41 वर्षीय गोपाल वल्द रघु निवासी दतोरा के रूप में हुई है। घटना के संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी नितिन पवार ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद वह स्वयं अपने स्टाफ के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे और मृतक परिवार से मीलकर  उन्हें तत्काल सहायता के रूप में शासन के नियम अनुसार दस हजार रू. अंत्येष्टि के लिए उपलब्ध कराए गए हैं ।

वन्य प्राणी द्वारा जनहानि होने पर वन विभाग द्वारा 10 लाख रुपए की सहायता राशि मृतक परिवार को उपलब्ध कराई जाती है जिसका प्रकरण बनाया जा रहा है। घटना बीती  रात 2:00 बजे की बताई जा रही है मृतक गोपाल अपने खेत पर जा रहा था उसका खेत गांव के करीब जंगल से सटा हुआ है। गोपाल को सुबह खेत पर धनिया लगाना था, इसलिए वह रात से ही खेत पर चला गया था वह अपने खेत पर बने मंडे पर सो रहा था।

रात करीब 2 बजे उसे लगा कि उसके मवेशी छूट गए हैं जिसके लिए  वह मंडे से नीचे उतरा। इसी दौरान नाले से निकलकर भालू ने उस पर हमला कर दिया। गोपाल की चीख सुनकर पड़ोस के खेत के लोग मौके पर पहुंचे। उसे पहले गांव लाया गया, जहां से मुलताई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया, फिर जिला अस्पताल बैतूल भेजा गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक के भाई गोकुल ने बताया कि भालू ने गोपाल को बुरी तरह जख्मी कर दिया था।

वन विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया है। मृतक के चार बच्चे हैं। उसकी पत्नी की एक महीने पहले ही बीमारी से मौत हो चुकी थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। वन परिक्षेत्र अधिकारी नितिन पवार ने बताया कि मुलताई वन परिक्षेत्र के पटन वन क्षेत्र में उत्तम सागर एवं देवगिरी के बीच में चट्टानी क्षेत्र है इसलिए यहां हमेशा ही भालू की उपस्थिति देखी जाती है क्योंकि यहां पर भालू का प्रिय भोजन मधुमक्खी के बहुत याद में छत्ते पाए जाते हैं उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह रात में जंगल से लगे अपने खेतों में जाने से बचे।

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