मुलताई- मां ताप्ती जल के स्पर्श मात्र से मिलती है पापों से मुक्ति उक्त बात विश्वामित्र शरण महाराज द्वारा कृषि उपज मंडी प्रांगण में चल रही मां ताप्ती महिमा कथा के दूसरे दिन कहीं पंडित जी ने महाभारत अंतर्गत जय विजय कथा का वर्णन किया।
मां ताप्ती की पवित्र नगरी मुलतविगत 17 वर्षों से निरंतर मा ताप्ती की महिमा कथा का आयोजन हो रहा है, जिसमें गोवर्धन मथुरा से गीता मनीषी डॉ विश्वामित्र शरण महाराज द्वारा मा ताप्ती की महिमा कथा सुनाई जाती है।

प्रति वर्षानुसार इस वर्ष मुलताई नगर के कृषि उपज मंडी में भव्य स्तर पर कथा का आयोजन कराया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक लोग मां ताप्ती जी की महिमा श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त करे। दुसरे दिन मंगलवार को महाभारत अंतर्गत जय विजय की कथा सुनाई गई। इस दौरान विश्वामित्र महाराज ने बताया कि भगवान के पास कथा है और भक्तों के पास व्यथा, संत भगवान की कथा भक्तों को और भक्तों की व्यथा भगवान को सुनाते है।

उन्होंने कहा कि मां ताप्ती का जल ऐसा है जिससे कोड दूर हो जाता है, लेकिन जब तक मन में श्रद्धा ना हो तब तक भगवान की भक्ति मन में उत्पन्न नहीं होती और भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती, उन्होंने बताया कि मां ताप्ती स्वयं जल स्वरूप में साक्षात श्रद्धा है, मां ताप्ती जल का स्पर्श, स्नान या आचमन करने से मन श्रद्धा से परिपूर्ण हो जाता है , पापो से मुक्ति मिल जाती है और भगवान की प्राप्ति हो जाती है।

उन्होंने कहा कि भगवान विज्ञान के बस में नहीं आने वाले, भगवान विज्ञान से नहीं आते, भगवान सिर्फ श्रद्धा से ही आते हैं, श्रद्धावान ही भगवान को प्राप्त कर सकते हैं। कुछ लोगों द्वारा देश विदेश में भ्रांति फैला दी गई थी कि महाभारत को घर में रखने या पढ़ने से घरों में लड़ाई शुरू हो जाती है, लेकिन यह पूरी तरह झूठ है। महाभारत में युद्ध से ज्यादा ज्ञान का भंडार है।
