मुलताई- नगर के झोलाछाप बंगाली डॉक्टर द्वारा 11 वर्ष की नाबालिक लड़की के उपचार के तीन दिन के बाद ग्राम खम्बारा निवासी 11 वर्षीय नाबालिक बालिका की स्वास्थ्य केंद्र में हुई मौत के 17 दिनों बाद भी झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं हो सकी है ।
दूसरी ओर बालिका के मौत के गंभीर मामले में स्वास्थ्य अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संपूर्ण मामले की जांच के लिए जिला स्तरीय डॉक्टरों की टीम का गठन किया गया है जो संपूर्ण मामले की जांच करेगी। इधर थाना प्रभारी मुलताई देवकरण डहेरिया ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी से बंगाली डॉक्टर की डिग्री के संबंध में जानकारी मांगी है जीसके बाद मुलताई पुलिस अपराधिक मामला दर्ज करेगी।
खास बातें
- बीएमओ ने बालिका का शव घर ले जाने के बाद पुलिस को रात 8 बजे भेजी गई तहरीर,
- मुलताई स्वास्थ्य अधिकारी ने डॉक्टर की डिग्री के संबंध में मांगी जानकारी,मौत के 17 दिनों बाद भी डॉक्टर की क्लीनिक पर नहीं हुई है छापामार कार्रवाई,
क्या है नाबालिग बालिका की मौत का मामला,
उक्त संबंध में जानकार बताते हैं कि कि बीते दो सप्ताह पूर्व खम्बारा निवासी 11 वर्षीय बालिका को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर स्थानीय बंगाली बक्शी डॉक्टर के क्लीनिक पर लाया गया था तीन दिनों के उपचार के बाद बालिका के स्वास्थ्य में सुधार के बजाय स्थिति और बिगड़ गई। बड़ा प्रश्न यह है कि जब बख्शी डॉक्टर के पास एलोपैथी उपचार की कोई डिग्री ही नहीं है तो वह बालिका का उपचार कैसे कर रहा था ।

हालत बिगड़ने पर बालिका को मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गंभीर अवस्था में लाया गया, बिगड़ती स्थिति को देखते हुए बीएमओ पंचम ने लड़की को बैतूल रेफर किया जैसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुलताई के बेड पर बालिका के मुंह से ऑक्सीजन मास्क निकालकर बालिका को एंबुलेंस में रखा जा रहा था बालिका ने दम तोड़ दिया, इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने बालिका को सीपीआर दीया किंतु कोई फायदा नहीं हुआ।

मृतक बालिका के परिजनों की हस्तलिखित शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई
मृतक बालीका की मां कविता बाई, परिजन सुरेश बुवाड़े, मदन करदाते ,राजेश परिहार ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी को हस्तलिखित शिकायत कर बताया कि बालीका को उल्टी दस्त की शिकायत थी जिसका तीन दिनों तक डॉक्टर बक्शी के यहां पर इलाज किया जा रहा था किंतु डॉक्टर बख्शी ने पता नहीं कैसा इलाज किया की बालिका ठीक होने के बजाय और ज्यादा बीमार हो गई जिसे गंभीर अवस्था में स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया जहां उसकी मौत हो गई।

इनका कहना
बालीका की मौत के मामले में जांच दल का गठन किया गया है जिसमें जिला स्तरीय डॉक्टर संपूर्ण मामले की जांच करेंगे बयान दर्ज करके जांच प्रतिवेदन सौंपेंगे ।
राजेश परिहार
सीएमएचओ जिला स्वास्थ्य अधिकारी बैतूल
बालिका की मौत के मामले में पुलिस ने बंगाली डॉक्टर की डिग्री के संबंध में जिला स्वास्थ्य विभाग को लिखा है शीघ्र ही उक्त डाक्टर के खिलाफ एफआइआर दर्ज होगी।
देवकरण डहेरिया थाना प्रभारी मुलताई