मुलताई- मुलताई नगर की सबसे प्राचीन शाला टेकड़े वाले हिंदी स्कूल की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है। प्राचार्य उदल पवार बताते हैं कि जगह-जगह से प्लास्टर निकल रहा है। खिड़कियां टूट गई है
खिड़की से असामाजिक तत्व रात में अंदर ना आ जाए इसके लिए टेबल कुर्सी लगाकर खिड़कियों को बंद कर रखा है । बरसों पुराना कुआं जिसमें अभी पानी है गंदगी से भरा हुआ है। शौचालय की हालत बद से बदतर है। हम निरंतर मांग करते हैं जनप्रतिनिधियों को हालात बताते हैं किंतु कोई हल निकलता दिखाई नहीं देता। जानकार इसका कारण बताते हुए कहते हैं कि वर्तमान समय में सभापति पार्षदों एवं नगरपालिका अधिकारी के बीच शिकवा शिकायतों का दौर चल रहा है जिसके शिकार स्कूली बच्चे भी हो रहे हैं।

नगर वासियों का टेकड़े वाले हिंदी स्कूल से है जज्बाती रिश्ता
टेकड़े वाला हिंदी स्कूल नगर की सबसे प्राचीन शालों में से एक है। इस स्कूल ने अनेक पीढ़ियों को अपने आगोश से निकलते हुए और पल्लवित होते हुए देखा है। इस शाला मंदिर के छात्र आज देश-विदेश अनेक बड़े-बड़े महत्वपूर्ण पदों पर है किंतु वह जब भी मुलताई पहुंचते हैं उनकी यादें इस शाला के हर कोने में बसी होती है। वर्तमान समय में इस शाला की दर्ज संख्या मात्र 44 है कभी यह संख्या हजारों में हुआ करती थी प्राचार्य उदल पवार बताते हैं कि आज भी लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। अपने अध्ययन काल की यादों को सहेजने के लिए। और नगर वासियों का दुर्भाग्य है कि वह इसे सहेज कर रखने को लेकर भी गंभीर नहीं।
पार्षद जब स्कूल की बदहाल स्थिति से नगर पालिका अधिकारी को अवगत कराकर सुधार की मांग करते हैं तो नगरपालिका अधिकारी यह कहकर हाथ खड़े कर देते हैं की स्कूल का रखरखाव नगरपालिका के अंतर्गत नहीं आता जबकि महिला पार्षद अंजलि सुमित शिवहरे कहती हैं। हमने नगरी प्रशासन मंत्रालय के शाला रखरखाव के आदेश पत्र के साथ मुख्य नगरपालिका अधिकारी की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी मुलताई से की है। मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किया गया है कि नगरीय निकाय द्वारा प्राप्त शिक्षा उपकर की राशि से स्कूलों में रखरखाव शुद्ध पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।